बारामती में फिर छिड़ी पवार बनाम पवार की जंग, सहकारी चीनी मिल का चुनाव आज, कौन मारेगा बाजी?
Baramati Sugar Mill Election: पवार परिवार के गृह क्षेत्र बारामती में सहकारी चीनी मिल के 21 सदस्यीय निदेशक मंडल के लिए चुनाव आज 22 जून को हो रहे है और परिणाम 24 जून को घोषित किए जाएंगे। इसमें केवल 19,651 मिल के सदस्य ही वोट देने के पात्र हैं।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के बारामती तालुका स्थित मालेगांव सहकारी चीनी कारखाना चुनाव के लिए आज (22 जून) मतदान हो रहा है। इस चुनाव में कुल 19,651 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने वाले हैं, जो कि मिल के सदस्य है और वह ही वोट देने के पात्र हैं। सभी उम्मीदवार पार्टी टिकट पर नहीं बल्कि विभिन्न पैनल के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार चुनाव में तीन प्रमुख पैनलों के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिल रहा है।
सहकारी चीनी मिल के 21 सदस्यीय निदेशक मंडल के लिए चुनाव में वरिष्ठ नेता शरद पवार गुट की एनसीपी का बलिराजा सहकार बचाव, चंद्रराव तावरे का सहकार बचाव पैनल और उपमुख्यमंत्री अजित पवार का नीलकंठेश्वर पैनल मैदान में हैं। तीनों प्रमुख पैनल मालेगांव चीनी मील के भविष्य को लेकर अपनी-अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। हालांकि पवार परिवार के गढ़ में चाचा-भतीजे के एक दूसरे के खिलाफ उतरने की वजह से यह चुनाव काफी दिलचस्प बन गया है।
एनसीपी प्रमुख व उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एनसीपी (शरद गुट) सांसद सुप्रिया सुले समेत कई दिग्गजों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। हालांकि, इस बात को लेकर अभी भी उत्सुकता बनी हुई है कि एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार कब मतदान करेंगे।
अजित पवार और सुप्रिया सुले ने डाला वोट
अजित पवार ने आज सुबह मतदान कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा लिया। वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की कार्यकारी अध्यक्ष एवं बारामती से लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने श्री शंभू सिंह महाराज हाईस्कूल में वोट डाला। इस दौरान उन्होंने सहकार बचाव पैनल के नेता रंजन तावरे से मुलाकात की और उन्हें शुभकामनाएं भी दीं।
मतदान के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अजित पवार ने कहा, “यह चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत हो रहा है। कौन विकास करेगा, यह मतदाता तय करेंगे।” जब उनसे चेयरमैन पद की उम्मीदवारी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “मैं चेयरमैन पद का उम्मीदवार हूं, इससे किसी को क्या दिक्कत है? मैं पिछले 35 वर्षों से यहां काम कर रहा हूं।” इस दौरान उन्होंने सुप्रिया सुले के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह हर किसी के आरोपों का जवाब देने के लिए खाली नहीं बैठे है।
क्यों इतना खास है यह चुनाव?
गौरतलब हो कि इस चुनाव में अजित पवार 90 उम्मीदवारों में से एक हैं। वह चार दशक से अधिक समय के बाद किसी सहकारी चीनी मिल का चुनाव लड़ रहे हैं। वह नीलकंठेश्वर पैनल के उम्मीदवार हैं, जिसका वर्तमान में चीनी मिल पर नियंत्रण है। बलिराजा सहकार बचाव पैनल ने 20 और नीलकंठेश्वर पैनल ने 21 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।
नीलकंठेश्वर पैनल और सहकार बचाव पैनल के अलावा शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) ने बलिराजा सहकार बचाव पैनल बनाकर चुनावी मैदान में एंट्री कि है, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। हालांकि अजित पवार कि तरह शरद पवार सीधे तौर पर मैदान में नहीं हैं।
एनसीपी में 2023 के विभाजन से पहले चीनी मिल के बोर्ड में केवल एक पैनल नीलकंठेश्वर ही पवार परिवार का प्रतिनिधित्व करता था। ऐसे में निकाय चुनाव से पहले मालेगांव सहकारी चीनी कारखाना चुनाव का परिणाम बारामती की राजनीति को प्रभावित कर सकता है और इसका असर स्थानीय चुनाव के नतीजों पर भी दिख सकता है।
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