वहीं, उप-सभापति पद के लिए बीजेपी विधायक सचिन कल्याणशेट्टी के समर्थक सुनील कलके को निर्विरोध चुना गया। सोलापुर एपीएमसी के सभापति और उप-सभापति का कार्यकाल दो वर्ष का होगा। पिछले महीने सोलापुर कृषि उत्पन्न बाजार समिति में जीत के बाद बीजेपी विधायक सचिन कल्याणशेट्टी के साथ दिलीप माने, कांग्रेस नेता सुरेश हसापुरे और राजशेखर शिवदारे ने हाल ही में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुंबई में मुलाकात की थी। इस बैठक में सभापति और उप-सभापति के चयन को लेकर विस्तृत चर्चा हुई थी। कहा जा रहा है कि अंतिम निर्णय खुद मुख्यमंत्री फडणवीस ने लिया और कांग्रेस के पूर्व विधायक दिलीप माने और सुनील कलके के नाम पर मुहर लगी।
रविवार को बीजेपी नेता कल्याणशेट्टी ने खुद दोनों के नामों की घोषणा की और फिर उन्होंने सभापति और उप-सभापति पद के लिए नामांकन दाखिल किया। जिसके बाद दोनों को निर्विरोध नियुक्त कर दिया गया।
सोलापुर एपीएमसी चुनाव परिणामों की बात करें तो संचालक मंडल की 18 सीटों के लिए चुनाव पिछले महीने हुए थे। सोलापुर एपीएमसी में वर्चस्व स्थापित करने को लेकर बीजेपी के नेताओं के बीच ही दो गुट बन गए थे और दिग्गज विधायकों के बीच जोरदार प्रतिस्पर्धा थी। पूर्व सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख (Subhash Deshmukh) और विजयकुमार देशमुख (Vijay Deshmukh) ने मिलकर ‘श्री सिद्धेश्वर बाजार समिति परिवर्तन पैनल’ खड़ा किया था। जबकि इस पैनल के खिलाफ बीजेपी के ही विधायक सचिन कल्याणशेट्टी ने कांग्रेस के पूर्व विधायक दिलीप माने और कांग्रेस के कार्याध्यक्ष सुरेश हसापुरे के साथ मिलकर ‘श्री सिद्धेश्वर बाजार समिति विकास पैनल’ बनाया था।
28 अप्रैल को आए नतीजे में कल्याणशेट्टी के पैनल ने जबरदस्त जीत दर्ज की। कुल 18 सीटों में से 15 सीटों पर कल्याण शेट्टी के पैनल ने कब्जा जमाया। उधर सोलापुर के दोनों दिग्गज देशमुख नेताओं को तगड़ा झटका लगा।
सोलापुर एपीएमसी चुनाव इसलिए भी खास रहा क्योंकि मुख्यमंत्री फडणवीस के करीबी माने जाने वाले बीजेपी विधायक सचिन कल्याणशेट्टी ने कांग्रेस नेताओं को साथ लेकर अपनी ही पार्टी के बड़े नेताओं को मात दी।