चौतरफा घिरने के बाद मांगी माफी
नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए विजय वडेट्टीवार ने कहा, “मैंने कल जो कहा था, उसे तोड़ मरोड़कर पेश किया गया। मैंने कहा था कि आमतौर पर आतंकवादियों के पास हमला करने से पहले धर्म या जाति पूछने का समय नहीं होता, लेकिन पहली बार ऐसी घटना हुई है, जहां जान लेने से पहले धर्म पूछा गया। मैंने सिर्फ इतना ही कहा था, इससे ज्यादा कुछ नहीं कहा। लेकिन मेरे बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया। अगर मेरे शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है या दुख हुआ है या किसी की भावनायें आहत हुई है तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं।” उन्होंने आगे कहा, “पहलगाम हमले में इंटेलिजेंस फेलियर को छुपाने के लिए मेरे बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया। मैं पहलगाम हमले को लेकर दिए अपने बयान के लिए माफी मांगता हूं।”
केंद्रीय मंत्री ने की थी एक्शन की मांग
पहलगाम आतंकी हमले पर विजय वडेट्टीवार के बयान को लेकर केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे (Shobha Karandlaje) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखा और कथित राष्ट्रविरोधी और आतंकवाद समर्थक बयानों के लिए वडेट्टीवार के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया।
वहीँ, महाराष्ट्र के मंत्री और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने वडेट्टीवार की आलोचना करते हुए कहा, “उन्होंने पहलगाम हमले को लेकर असंवेदनशील, बेहद बेशर्मी भरा बयान दिया है। उन्हें ऐसा बयान देने का कोई अधिकार नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान को अच्छा सबक सिखाएंगे, ऐसे में पूरा देश उनके साथ खड़ा है। वडेट्टीवार को जनता सबक सिखाएगी।”
कांग्रेस नेता के बयान पर क्यों मचा बवाल?
इससे पहले, सोमवार को मीडिया से बातचीत में कांग्रेस नेता वडेट्टीवार ने कहा था, “आतंकियों के पास इतना समय कहां होता है कि वह मारने वाले के कान में जाकर पूछे कि तुम हिंदू हो या फिर मुसलमान। इस पूरे मामले में कई बातें हैं, लोग अलग-अलग बातें बता रहे हैं। भिन्न-भिन्न प्रकार की बातें हो रही हैं। आतंकियों का कोई मजहब नहीं होता है। आतंकियों ने देश पर हमला किया है और इसलिए उन्हें पकड़कर कठोरतम कार्रवाई करनी चाहिए। पूरे देश की आज यही भावना है। लेकिन, तरह-तरह की बातें कर मूल मुद्दों से भटकाना गलत है।” बता दें कि पिछले हफ्ते मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हमले में मारे गए लोगों के परिजनों ने दावा किया है कि आतंकियों ने सिर्फ हिंदू धर्म के लोगों पर गोलियां चलायीं। आतंकियों ने मारने से पहले धर्म पूछा, शक होने पर कलमा पढ़ने को कहा, कुछ के कपड़े उतरवाकर भी देखें।