मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नागपुर में स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण है। कहीं भी कोई तनाव नहीं है और सभी धर्मों के लोग सद्भावना से रह रहे हैं। अब कर्फ्यू की कोई जरूरत नहीं है, इसलिए कर्फ्यू हटा दिया गया है।
नागपुर के पुलिस कमिश्नर रविंदर सिंघल ने रविवार को दोपहर तीन बजे से शेष बचे गणेशपेठ, तहसील और यशोधरा नगर थाना क्षेत्रों से कर्फ्यू हटाने का आदेश दिया। हालांकि संवेदनशील क्षेत्रों में स्थानीय पुलिस की तैनाती के साथ गश्त जारी रहेगी।
नागपुर के कई हिस्सों में बीते 17 मार्च को उस समय हिंसा भड़क उठी जब यह अफवाह फैली कि छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) के नेतृत्व में नागपुर में हुए प्रदर्शन में धार्मिक पुस्तक की पंक्तियां लिखी एक चादर जलाई गई। इसके बाद सैकड़ों उपद्रवियों ने बड़े पैमाने पर पथराव और आगजनी की।
हिंसा के बाद कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांति नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामबाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। स्थिति सामान्य होने के बाद कर्फ्यू धीरे-धीरे हटा लिया गया। इससे पहले 20 मार्च को नंदनवन और कपिल नगर थाना क्षेत्रों से तथा 22 मार्च को पचपावली, शांति नगर, लकड़गंज, सक्करदरा और इमामबाड़ा क्षेत्रों से कर्फ्यू हटा लिया गया था।
13 एफआईआर दर्ज
इस हिंसा में डीसीपी स्तर के तीन अधिकारियों समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए। जबकि इस हिंसा में एक शख्स की मौत हुई है। अब तक 13 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। पुलिस ने हिंसा में शामिल होने के आरोप में शनिवार को 7 और लोगों को गिरफ्तार किया, जिससे पकड़े गए आरोपियों की कुल संख्या 112 हो गई। पुलिस ने 38 वर्षीय फहीम खान (Fahim Khan) को नागपुर हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता बताया है। फहीम अभी पुलिस की हिरासत में है।
नागपुर पुलिस ने महल बाजार क्षेत्र में फ्लैग मार्च किया-
इरफान अंसारी की मौत
नागपुर हिंसा में घायल हुए 40 वर्षीय इरफान अंसारी की शनिवार दोपहर को इलाज के दौरान मौत हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि अंसारी ने इंदिरा गांधी सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीजीएमसीएच) में दोपहर 1 बजकर 20 मिनट पर दम तोड़ दिया। अंसारी को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अंसारी के परिवार का कहना है कि इरफान सोमवार रात करीब 11 बजे घर से नागपुर स्टेशन से इटारसी के लिए ट्रेन पकड़ने के लिए निकले थे। पेशे से वेल्डर इरफान को नागपुर स्टेशन से रात 1 बजे इटारसी जाने वाली ट्रेन पकड़नी थी. हालांकि पुलिस का कहना है कि यशोधरा नगर के गरीब नवाज नगर में रहने वाला अंसारी हिंसा में शामिल भीड़ का हिस्सा था। जब यह भीड़ टिमकी इलाके में पहुंची, तो उसने तोड़फोड़ शुरू कर दी। उसी समय दूसरे गुट के लोगों के साथ उनकी झड़प हुई। हंगामे के बीच अंसारी भागने की कोशिश में एक गली में घुस गया, लेकिन गुस्साई भीड़ ने उसे घेर लिया और बुरी तरह पीटा। इसके बाद, पुलिस ने उसे बचाकर अस्पताल में भर्ती कराया। हालांकि, सिर और पेट पर गंभीर चोटें लगने के कारण इलाज के दौरान इरफान की मौत हो गई।
इस मामले में पुलिस ने संतोष गौर नामक एक युवक को गिरफ्तार किया है, जबकि दो अन्य आरोपी अब भी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। पहले इस मामले में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था, लेकिन अंसारी की मौत के बाद अब आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है।
बुलडोजर एक्शन की तैयारी
नागपुर हिंसा पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “यह घटना जिस दिन घटी उस दिन सुबह औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र जलाई गई थी और उसे जलाने के बाद कुछ लोगों ने पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने कार्रवाई भी की लेकिन बाद में कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाईं कि जो चादर जलाया गया, उस पर कुरान की आयतें लिखी थीं, लेकिन यह पूरी तरह झूठ था।
सीएम फडणवीस ने कहा, महाराष्ट्र में हम अपने तरीके से कार्रवाई करते हैं। जहां बुलडोजर की जरूरत होगी, वहां उसका इस्तेमाल किया जाएगा। गलत कामों को रौंदा जाएगा। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। नुकसान की भरपाई दंगाईयों से करवाई जाएगी और अंतिम आरोपी की गिरफ्तारी तक कार्रवाई जारी रहेगी।