पुलिस के अनुसार, जालना के भोकरदन तहसील के वलसा वडाला गांव के रहने वाले 30 वर्षीय ज्ञानेश्वर अहेर ने 3 मार्च को पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जांच के दौरान सामने आया कि इस आत्महत्या के पीछे गणेश लोखंडे नाम के एक 45 वर्षीय स्वयंभू बाबा का हाथ था। पुलिस ने 6 मार्च को लोखंडे को गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी के मुताबिक, आरोपी गणेश लोखंडे कथित तौर पर तंत्र-मंत्र के लिए ज्ञानेश्वर की पांच साल की बेटी की बलि देना चाहता था। लेकिन जब ज्ञानेश्वर ने मना कर दिया तो आरोपी बाबा उसे गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी देने लगा।
खजाने का पता लगाना चाहता था आरोपी
आरोपी बाबा गुप्त अनुष्ठानों के जरिए एक छिपे हुए खजाने का पता लगाना चाहता था और इसके लिए उसने पीड़ित पर दबाव डाला कि वह अपनी पांच वर्षीय बेटी को बलि के रूप में सौंप दे। जब अहेर ने इसका विरोध किया, तो बाबा ने उसे धमकी भरे पत्र भेजने शुरू कर दिए और लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित करता रहा।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि 15 महीने पहले गणेश लोखंडे ने बुलढाणा जिले के धामनगांव में एक खाली मकान खरीदा था, जहां उसने 20 फुट गहरा गड्ढा खोदा था। इस गड्ढे का इस्तेमाल वह काले जादू और गुप्त अनुष्ठानों के लिए करना चाहता था। जब पुलिस ने इस मकान की तलाशी ली, तो वहां से काले जादू से जुड़ी सामग्री बरामद हुई।
मंदिर में मिला था आरोपी बाबा
पुलिस के मुताबिक, अहेर और उनकी पत्नी बुलढाणा जिले के धामनगांव के एक मंदिर में गए थे, जहां उनकी मुलाकात आरोपी बाबा गणेश लोखंडे से हुई। धीरे-धीरे बाबा ने दोनों को अपने जाल में फंसा लिया और बाद में तंत्र-मंत्र के लिए उनकी बेटी की मांग करने लगा। जब अहेर ने इस मांग को ठुकरा दिया, तो बाबा ने उसे विभिन्न तरीकों से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पुलिस ने गणेश लोखंडे के खिलाफ अंधविश्वास एवं काला जादू विरोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है।