मुंबई हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर
शिवसेना (उद्धव गुट) के मुखपत्र सामना में प्रकाशित खबर के अनुसार,
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को आकर्षित करने वाली लाडली बहन योजना का लाभ अभी भी लाखों महिलाओं को नहीं मिला है। इसके साथ ही लाडली बहन योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन में आ रही कठिनाइयों का समाधान अंतिम तारीख तक नहीं किया गया। इसके चलते लाखों आवेदन बर्बाद हो गए। दूसरी ओर इस योजना में सरकार द्वारा 46 हजार करोड़ रुपये के प्रावधान पर कैग ने योजना पर सवाल उठाए हैं। इन सभी बातों को लेकर बोरीवली प्रमेय फाउंडेशन अधिवक्ता सुमेधा राव और रुमाना बगदादी के हवाले से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।
मुंबई हाईकोर्ट ने याचिका का लिया संज्ञान
शिवसेना के मुखपत्र सामना के अनुसार, जनहित याचिका पर गंभीरता से हस्तक्षेप करते हुए मुंबई हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। मुंबई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने महाराष्ट्र सरकार को कोर्ट में जवाब के साथ तलब किया। इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया गया कि वह लाडली बहन योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए भरपूर प्रयास करे। हर पात्र महिलाओं को योजना का अधिकार
याचिका पर सुनवाई करते हुए मुंबई हाईकोर्ट की खंडपीठ ने स्पष्ट रूप से कहा कि महाराष्ट्र में हर पात्र महिला को इस योजना का लाभ लेने का अधिकार है। महाराष्ट्र सरकार लाडली बहन योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए हर संभव प्रयास करे। जिन महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं है और वे इसकी पात्र हैं। सरकार की ओर से उन्हें भी इसका लाभ दिया जाना चाहिए।
महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई हाईकोर्ट में दिया ये तर्क
मुंबई हाईकोर्ट में महाराष्ट्र सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने हफनामा दिया है। इसमें ये बताया गया कि योजना कार्यान्वयन के प्रारंभिक चरण में कुछ कठिनाइयां आई थीं। इसपर सरकार ने योजना की पात्र महिलाओं के आवेदन भरने में मदद के लिए विभिन्न विभागों में 11 कर्मचारी नियुक्त किए गए थे।
90 हजार आवेदनों को किया गया खारिज
सरकार ने हलफनामे में यह भी बताया कि लाडली बहन योजना के तहत महाराष्ट्र में 2.51 करोड़ महिलाओं ने आवेदन किया था। इसमें से 2.43 करोड़ से ज्यादा महिलाओं के आवेदन सही पाए गए। उन्हें योजना में शामिल किया जा रहा है। जबकि 90 हजार आवेदन अपूर्ण एवं त्रुटिपूर्ण मिले। इसके चलते उन्हें खारिज कर दिया गया।
2 करोड़ 47 लाडली बहनों को मिली
महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने बताया कि महाराष्ट्र में पिछले साल जुलाई में लाडली बहना योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत 2.63 करोड़ महिलाओं ने आवेदन किया। इनमें से 2.47 करोड़ आवेदन योग्य स्वीकार किए गए। जबकि 12.87 लाख बहनों के बैंक खाते आधार कार्ड से लिंक नहीं मिले। इसके चलते विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें योजना का लाभ नहीं मिला। हालांकि अक्टूबर से नवंबर तक 2.34 करोड़ महिलाओं के बैंक खाते में 1500-1500 हजार रुपये जमा किए गए।
12 लाख 87 हजार बहनों के खाते में गई छह महीने की किस्त
कैबिनेट मंत्री अदिति तटकरे ने कहा कि अभी तक लाभ नहीं लेने वाली 12 लाख 87 हजार बहनों के खाते में छह माह की किस्त के रूप में 9 हजार रुपये जमा कर दिए गए हैं। विधानसभा चुनाव में लाडली बहन योजना से महायुति सरकार को फायदा हुआ। इसी के चलते प्रदेश में महायुति गठबंधन को जबरदस्त जीत मिली है। महिला और बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने यह भी साफ किया है “महराष्ट्र में लाडली बहना योजना की लाभार्थी महिला के खिलाफ कोई शिकायत मिलती है तो उसके आवेदन की जांच की जाएगी। नियम कानून के तहत जो महिलाएं पात्र नहीं होगी उन्हें अयोग्य घोषित किया जाएगा।” इन महिलाओं को मिलेगा योजना का लाभ
महराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने साफ किया कि यदि किसी महिला की आय ढाई लाख रुपये से ऊपर है तो उन्हें योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा चार पहिया वाहन का स्वामित्व रखने वाली महिलाओं को योजना का पात्र नहीं माना जाएगा। साथ ही अंतरराज्यीय विवाहित महिलाएं भी इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगी। अगर आधार कार्ड और बैंक में नाम अलग है तो भी महिला की पात्रता को अयोग्य घोषित किया जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि ऐसे सभी आवेदनों की जांच नहीं होगी। अगर किसी की शिकायत मिलती है तो हम उसकी जांच कराएंगे।