पुणे की एक विशेष एमपी एमएलए अदालत ने मानहानि मामले में कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पिछले महीने जमानत दी थी। तब कांग्रेस नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। अदालत ने उन्हें 25,000 रुपये के जमानती बॉन्ड पर जमानत दी थी। तब राहुल गांधी की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता मिलिंद पवार ने अदालत के समक्ष अर्जी दायर कर कांग्रेस नेता को पेशी से स्थायी छूट देने का अनुरोध किया था।
जिस पर आज न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) अमोल शिंदे ने आदेश पारित किया और कहा कि आरोपी (राहुल गांधी) लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं और उन्हें कई बैठकों में भाग लेना है। उन्हें ‘जेड-प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा मिली है, इसलिए सुरक्षा पर होने वाले खर्च तथा सुनवाई में शामिल होने पर कानून-व्यवस्था के मसले को ध्यान में रखते हुए उन्हें मामले में पेश होने से स्थायी छूट प्रदान की जाती है।
बता दें कि मार्च 2023 में लंदन में हिंदुत्व विचारक सावरकर के खिलाफ कथित बयान देने के बाद सावरकर के पोते द्वारा रायबरेली के सांसद राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के विवादित बयान को लेकर हिंदुत्व विचारक सावरकर के नाती सात्यकी सावरकर ने पिछले साल पुणे की अदालत में मानहानि की याचिका दायर की थी। इस याचिका के आधार पर अदालत ने पुणे की विश्रामबाग पुलिस को जांच के आदेश दिए थे और बाद में कांग्रेस नेता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
राहुल गांधी के इस बयान पर विवाद
शिकायत के मुताबिक, राहुल गांधी ने लंदन में एनआरआई के समक्ष अपने भाषण में कहा था कि सावरकर ने एक किताब में लिखा है कि उन्होंने अपने पांच-छह दोस्तों के साथ एक बार एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी और उन्हें (सावरकर को) ऐसा करने में खुशी हुई थी। हालांकि स्वतंत्रता सेनानी के पोते सात्यकी सावरकर ने राहुल गांधी के इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि इस तरह की कोई घटना कभी नहीं हुई थी। वीर सावरकर ने भी कभी भी कहीं भी ऐसी कोई बात नहीं लिखी थी।