शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अपने हाथों सम्मानित करने पर उद्धव गुट के नेताओं ने वरिष्ठ नेता शरद पवार से कड़ी नाराजगी जताई, जिसके बाद सूबे में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। इसे लेकर महाविकास अघाडी (एमवीए) गठबंधन में शामिल दोनों दलों- उद्धव गुट और शरद पवार गुट के बीच खींचतान शुरू हो गई है।
इस बीच, उद्धव खेमे में खलबली मच गई जब पार्टी के तीन सांसद शिवसेना के केंद्रीय मंत्री प्रतापराव जाधव द्वारा दिल्ली में बुधवार को आयोजित रात्रिभोज में शामिल हुए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिवसेना (यूबीटी) के परभणी से सांसद संजय जाधव, हिंगोली के सांसद नागेश पाटिल आष्टीकर और शिरडी के सांसद भाऊसाहेब वाकचौरे इस डिनर में शामिल हुए। हालांकि, संजय जाधव ने सफाई दी कि वह सिर्फ निजी संबंधों के कारण गए थे, लेकिन इसे ‘ऑपरेशन टाइगर’ से जोड़कर देखा जा रहा है।
जिस पार्टी के मुखिया (एकनाथ शिंदे) पर उद्धव ठाकरे के नेता सुबह से बरस रहे हैं और गंभीर आरोप लगा रहे हैं, उसी शिवसेना पार्टी के नेता द्वारा शाम में आयोजित रात्रिभोज में उद्धव गुट के सांसदों का जाना अब पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया है।
सूत्रों के मुताबिक, उत्तर-पूर्व मुंबई के शिवसेना (UBT) सांसद संजय दीना पाटिल शिवसेना प्रमुख के सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे के घर गए थे। यही नहीं, जिस सम्मान समारोह को लेकर संजय राउत ने शरद पवार पर निशाना साधा था, उसी समारोह में संजय दीना पाटिल भी मौजूद थे। राउत के आक्रामक रुख के बावजूद पाटिल ने समारोह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं। इससे राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर और तेज हो गया है।
इन घटनाओं के बीच, उद्धव गुट के नेता आदित्य ठाकरे अचानक दिल्ली दौरे पर पहुंचे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने संजय राउत के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एकनाथ शिंदे पर तीखा हमला बोला। ठाकरे ने कहा, “जो महाराष्ट्र द्रोही है, वह देश द्रोही भी है। उन्होंने सिर्फ हमारी पार्टी और परिवार को नहीं तोड़ा, बल्कि महाराष्ट्र की रीड़ की हड्डी उद्योग को भी नुकसान पहुंचाया। ऐसे व्यक्ति का सम्मान करना हमारे सिद्धांतों के खिलाफ है।”
उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (UBT) के लोकसभा में 9 सांसद और राज्यसभा में दो सांसद- संजय राउत और प्रियंका चतुवेर्दी हैं। यदि कुल 9 लोकसभा सांसदों में से दो-तिहाई पाला बदलते है तो उनके खिलाफ दल-बदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई नहीं हो सकेगी। हालांकि अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वाकई एकनाथ शिंदे की शिवसेना का ‘ऑपरेशन टाइगर’ उद्धव गुट को बड़ा झटका देने वाला है, या फिर यह सिर्फ राजनीतिक अटकलें भर हैं।