‘व्यापारी’ ट्रंप भारत को शांति का उपदेश देते है, लेकिन इजरायल को नहीं… उद्धव ने मोदी सरकार के फैसले पर उठाए सवाल
Uddhav Thackeray on India Pakistan Ceasefire : उद्धव ठाकरे ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के मामले में बोलने वाले कौन होते है। पीएम मोदी ने शिमला समझौते का उल्लंघन किया है।
भारत-पाकिस्तान संघर्ष में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्तक्षेप को लेकर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपनी पार्टी के मुखपत्र सामना में केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए पूछा है कि क्या सीजफायर के लिए ट्रंप से कोई समझौता हुआ है? आखिर भारत के आंतरिक मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति को हस्तक्षेप करने का हक किसने दिया?
उद्धव ठाकरे ने सामना के संपादकीय में कहा, भारत एक संप्रभु और स्वतंत्र राष्ट्र है। किसी भी बाहरी देश को हमारे देश के मामले में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है, लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष में हस्तक्षेप किया है और दोनों देशों के युद्धविराम (सीजफायर) की घोषणा की। ट्रंप ने सबसे पहले घोषणा की कि भारत ने युद्धविराम स्वीकार कर लिया है। ट्रंप के बताने से पहले तक न तो भारत के लोगों और भारतीय सेना को इसकी जानकारी थी। ट्रंप को सरपंच बनने का अधिकार किसने दिया?
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ने 1971 युद्ध की याद दिलाते हुए आगे लिखा, “1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच हुए शिमला समझौते के अनुसार, तीसरे देशों को दोनों देशों के बीच संघर्ष में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं थी, लेकिन अब भारत के प्रधानमंत्री ने ही शिमला समझौते का उल्लंघन किया। भारत ने ट्रंप के दबाव में युद्धविराम को स्वीकारा, क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ या पाकिस्तान से हमारा बदला पूरा हो गया था? इसका जवाब देश को नहीं मिला है। पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले छह आतंकियों का पता नहीं चल पाया है। पाकिस्तान से संघर्ष ही उन्ही आतंकियों द्वारा 26 निर्दोष लोगों की हत्या से हुई थी। लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ने पानी फेर दिया।”
उद्धव ठाकरे ने संपादकीय में आगे कहा है, पीएम मोदी इतने उत्सुक थे कि भारत-पाक के बीच संघर्ष के बीच पीछे लौटने का कोई रास्ता नहीं था। जिस समय मोदी की उत्सुकता देश और सेना में नई ऊर्जा पैदा कर रही थी, राष्ट्रपति ट्रंप ने समझौता कर लिया। पाकिस्तानी हमले में सात भारतीय सैनिक मारे गए। सीमा पर रहने वाले लोगों की मौतें हुईं, उनकी क्या गलती थी?
उन्होंने कहा, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग, नेल्सन मंडेला नहीं हैं। वे एक व्यापारी हैं। भारत के सत्ताधारी व्यापारियों ने अमेरिका के व्यापारी राष्ट्रपति से हाथ मिला लिया। ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच शांति चाहते हैं, लेकिन इजरायल-फिलिस्तीनी युद्ध को नहीं रोकते। वहां तो वे इजरायल का समर्थन करते हुए गाजा के लोगों को खत्म होते देखते हैं, लेकिन भारत को शांति का उपदेश देते हैं।
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