शिवसेना सांसद संजय राउत ने हाल ही में एनसीपी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। इससे जुड़े एक सवाल के जवाब में राउत ने कहा, “मैंने उनसे (शरद पवार) कहा कि अगर हम (शिवसेना यूबीटी) सर्वदलीय बैठक में शामिल होते तो सबसे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करते और इससे आपकी स्थिति असहज हो जाती, क्योंकि आप सरकार का समर्थन कर रहे थे।”
उन्होंने कहा, “सरकार का समर्थन करने का मतलब उसकी गलतियों का समर्थन करना नहीं है। आप सभी सरकार की प्रशंसा कर रहे थे। गलतियों को नजरअंदाज हम नहीं कर सकते हैं।” यह बैठक केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद बुलाई गई थी, जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे।
मुंबई दक्षिण से उद्धव गुट के सांसद अरविंद सावंत ने संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू को लिखे पत्र में पहलगाम आतंकी हमले के संबंध में खुफिया विफलता और जवाबदेही की कमी को लेकर सवाल उठाया था। लेकिन सरकार द्वारा लिए गए किसी भी फैसले के लिए पार्टी के समर्थन की बात भी कही थी।
गौरतलब हो कि पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने बुधवार रात पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में जबरदस्त हवाई हमला किया। इस सैन्य कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया। इसमें 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया और करीब 70 आतंकियों को मार गिराया गया, जिनमें कुख्यात आतंकी मसूद अजहर के परिवार के सदस्य भी शामिल थे।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तारीफ की
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक्स पर लिखा, “भारतीय सेना के शौर्य को सलाम! भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ठिकानों पर किया गया हमला गर्व की बात है। पहलगाम में 26 माताओं-बहनों की मांग उजाड़ने वाले आतंकवादियों का सफाया कर सेना ने बदला लिया है। पाकिस्तान के भारत में मौजूद ‘स्लीपर सेल्स’ को नेस्तनाबूद कर आतंकवाद का जड़ से सफाया करना जरूरी है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय सेना हर तरह की परिस्थिति से निपटने में सक्षम है। भारतीय सेना के पराक्रम को शिवसेना का सलाम!”