जलगांव जिले के पाचोरा निवासी मनोज और यामिनी का विवाह पूरे रीति-रिवाज से सोमवार को संपन्न हुआ था। शादी के बाद नवदंपति ने जीवन की नई यात्रा के सपने देखने शुरू ही किए थे, लेकिन तभी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अंतर्गत सभी जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी गईं और मनोज को भी तुरंत ड्यूटी ज्वाइन करने का आदेश मिला।
मनोज जब ड्यूटी पर लौटने के लिए अपने घर से निकले तो नवविवाहिता पत्नी की आंखें नम हो गईं, लेकिन यामिनी ने खुद को संभाला और कहा, मुझे गर्व है कि मेरे पति देश की रक्षा के लिए सीमा पर जा रहे हैं, देश से बड़ा कुछ नहीं है।
परिवार के साथ शादी की खुशियां मना ही रहे थे कि तभी मनोज को देशसेवा का कर्तव्य निभाने जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि देश से बड़ा कुछ भी नहीं होता। जबकि मनोज की पत्नी यामिनी ने भी इस कठिन परिस्थिति में देशसेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही और पति को भावुक होकर विदा किया।
मनोज को छोड़ने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंची यामिनी ने कहा, मुझे गर्व है कि मेरे पति सीमा पर देश की रक्षा के लिए जा रहे हैं, देश से बड़ा कुछ नहीं होता। यामिनी का यह जज्बा न सिर्फ पूरे देश के लिए प्रेरणादायी है, बल्कि हर भारतीय के दिल को गर्व से भर देती है।