वक्फ संशोधन विधेयक को लोकसभा में पारित कराने की जिम्मेदारी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खुद उठाई है। बीजेपी के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह विधेयक को पेश करने से पहले सक्रिय हो गए हैं और बैठकों का दौर जारी है। ताकि विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद इसे किसी भी प्रकार की अड़चन के बिना पारित कराया जा सके।
उद्धव के सांसदों पर टिकी निगाहें
वक्फ संशोधन विधेयक (
Waqf Amendment Bill) को लेकर जहां सत्ता पक्ष पूरी तरह तैयार है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी खेमे में शामिल उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) पर सभी की नजरें है। हालांकि उद्धव सेना के सांसद इस विधेयक के विरोध में वोट करने वाले हैं। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने यह स्पष्ट कर दिया है।
बीजेपी का साथ छोड़ने के बाद उद्धव ठाकरे ने ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ की नीति अपनाई है और वे बार-बार यह कहते रहे हैं कि उन्होंने हिंदुत्व नहीं छोड़ा है। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि लोकसभा में ठाकरे गुट के 9 सांसद वक्फ संशोधन विधेयक पर क्या रुख अपनाते हैं। इस पर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है।
फडणवीस का ठाकरे पर निशाना
इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे को खुली चुनौती दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट कर शिवसेना (ठाकरे गुट) को घेरा है। फडणवीस ने ट्वीट किया, “वक्फ संशोधन विधेयक कल संसद में पेश होगा, अब देखते हैं कि उद्धव बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा का पालन करती है या राहुल गांधी के नक्शेकदम पर चलती है और तुष्टीकरण करती रहती है।” उधर, वक्फ बिल को लेकर इंडिया गठबंधन के घटक दलों ने बैठक की है। इसमें शिवसेना (UBT) के सांसद अरविंद सावंत और प्रियंका चतुर्वेदी समेत कई नेताओं ने शिरकत की। सभी में आम सहमति बनी है कि वे इस बिल का तथ्यों के आधार पर विरोध करेंगे. साथ ही वोटिंग में भी हिस्सा लेंगे।
इससे पहले शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने वक्फ संशोधन विधेयक पर कहा था, “हर रविवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू अगले हफ्ते की बात करते हैं वक्फ (संशोधन) बिल लाया जाएगा… या तो वे जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे हैं, या फिर वे चाहते ही नहीं हैं कि बिल पेश हो क्योंकि उनके पास पूर्ण समर्थन नहीं है…रोज-रोज एजेंडा तैयार करना दिखाता है कि वे किसी जरूरी चीज से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे हैं… बहुत सारे देश के मुद्दे हैं जिससे ध्यान भटकाने के लिए यह एजेंडा लाया जाता है लेकिन एजेंडा के अनुसार काम नहीं होता है।”