scriptराजस्थान में बारिश ने किया कमाल, 30 साल बाद यहां हुई गेहूं की शानदार फसल, किसान खुश | Due to Mawath, bumper wheat production in Merta City of Rajasthan | Patrika News
नागौर

राजस्थान में बारिश ने किया कमाल, 30 साल बाद यहां हुई गेहूं की शानदार फसल, किसान खुश

Wheat Crop in Rajasthan: पूर्व सहायक निदेशक कृषि अणदाराम चौधरी ने बताया कि बारानी का मतलब होता है असिंचित। इन गेहूं में पेस्टिसाइड का उपयोग नहीं किया जाता, जिसकी बदौलत इसमें पौष्टिकता ज्यादा होती है।

नागौरJan 28, 2025 / 12:44 pm

Rakesh Mishra

Wheat Crop in Rajasthan

पत्रिका फोटो

Wheat Crop: राजस्थान के मेड़ता सिटी में कुछ दिनों पहले हुई मावठ ने कमाल कर दिया। मेड़ता क्षेत्र में करीब 3 दशक बाद असिंचित क्षेत्र में बारानी किस्म के गेहूं लहलहाए हैं। ऐसा मावठ की बारिश की वजह से हो पाया है। बुजुर्गों के अनुसार पिछले 25-30 साल में गेहूं की ऐसी पैदावार नहीं हुई। जो क्वालिटी में सबसे बेस्ट है।
अमूमन, मूंग, जीरा और रायड़ा, ग्वार जैसी फसलों के उत्पादन को लेकर पहचाने जाने वाले मेड़ता कृषि कलस्टर क्षेत्र के असिंचित क्षेत्र में हुई गेहूं की फसल ने सबको चौंका दिया है। असिंचित क्षेत्र में गेहूं के खेत हरे-भरे दिखाई दे रहे हैं, जिसके पीछे का कारण है कुछ दिनों पहले हुई मावठ की बारिश। इस बारिश ने एक तरह से असिंचित क्षेत्र में बारानी गेहूं की ग्रोथ को बूस्टर डोज देने का कार्य किया, जिससे किसानों के चेहरे भी खिले हुए नजर आ रहे हैं। मेड़ता कृषि कलस्टर क्षेत्र के कई गांवों में इस बार बड़े हेक्टेयर में असिंचित क्षेत्र में बारानी गेहूं का उत्पादन हुआ है।

होता है ज्यादा पौष्टिक

पूर्व सहायक निदेशक कृषि अणदाराम चौधरी ने बताया कि बारानी मारवाड़ी शब्द है जिसका मतलब होता है असिंचित। इन गेहूं में पेस्टिसाइड का बिलकुल भी उपयोग नहीं किया जाता, जिसकी बदौलत इसमें अन्य गेहूं की बजाय पौष्टिकता ज्यादा होती है। हालांकि बारानी गेहूं की आटे की मात्रा कम होती है, लेकिन यह बेहद ही स्वादिष्ट होता है। जिसकी वजह से इसकी लोगो में डिमांड भी रहती है।
मंडी सचिव राजेंद्र कुमार रियाड़ ने बताया कि मेड़ता कृषि कलस्टर क्षेत्र के जावली, डाबरियाणी, रेण, खेडूली, शुभदण्ड, लांछ की ढाणी के साथ-साथ खाखड़की, बड़गांव, गेमिलयावास गांवों में भी इस बार बारानी गेहूं अच्छी-खासी मात्रा में हुए हैं। इन गांवों में खेतों में बारानी गेहूं लहलहा रहे हैं।

जानिए, क्या बोले बुजुर्ग किसान

बुजुर्ग काश्तकार देवीलाल रियाड़ ने कहा कि करीब 25-30 साल बाद में पहली बार गेहूं का ऐसी पैदावार देखी है। इतने सालों में ऐसे गेहूं नहीं हुए। इतनी बढ़िया गेहूं होने का कारण मावठ की बारिश है। कई दिनों पहले मावठ की बारिश और फिर ओस व कोहरे की वजह से ही असिंचित क्षेत्रों में बारानी गेहूं की (सी-306 कनक) की अच्छी ग्रोथ हुई है।
वहीं कलस्टर में काठिया (काला गेहूं) की भी अच्छी बुवाई हुई है। यह स्पेशल गेहूं, जिसकी हर जगह डिमांड रहती है। जिसकी विशेष किस्म की लापसी बनती तैयार होती है। मिनरल्स, विटामिन्स और आयरन से भरपूर होने से इसकी कीमत भी 2 से 3 गुना अधिक रहती है।

Hindi News / Nagaur / राजस्थान में बारिश ने किया कमाल, 30 साल बाद यहां हुई गेहूं की शानदार फसल, किसान खुश

ट्रेंडिंग वीडियो