दरअसल, मंत्री दिलावर का रविवार सुबह ताऊसर की गोशाला व सैनिक क्षत्रीय माली समाज संस्थान में स्वागत व नाश्ते का कार्यक्रम था, लेकिन मंत्री गोशाला नहीं पहुंचे। इस पर कृपाराम देवड़ा ने उनके पीछे जाकर नाराजगी जाहिर की। उसके बाद मंत्री कुछ देर के लिए माली समाज भवन पहुंचे। इसके बाद बड़ली गए, लेकिन वहां भीड़ नहीं होने पर मंत्री गुड़ला चौराहा के पास महावीर गोशाला पहुंच गए।
बड़ली में जब स्कूल का कार्यक्रम चल रहा था तो माली समाज अध्यक्ष देवड़ा ने मंच से गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उनके यहां के कार्यक्रम उन्होंने नहीं, बल्कि मंत्री के ओएसडी ने तय किए थे। ओएसडी के कहने पर ही उन्होंने 500-1000 लोगों को एकत्र किया, लेकिन मंत्री आधे रास्ते में जाकर वापस आ गए।
देवड़ा ने कहा कि वे जन्मे ही भाजपा में हैं और चुनाव में भाजपा को वोट भी अच्छे दिलवाते हैं, इसके बावजूद उनके साथ इस प्रकार का व्यवहार क्यों किया गया। इस दौरान नीचे बैठे कुछ लोगों ने देवड़ा को रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे बोलते रहे। इसके बाद मंत्री दिलावर ने कार्यक्रम को संबोधित किया तो देवड़ा से माफी मांगते हुए कहा कि उन्हें कार्यक्रम की जानकारी नहीं थी और न ही उनका उद्देश्य किसी का अपमान करना था, इसलिए मैं माफी चाहता हूं।