ये विद्यार्थी न केवल पुलिस संबंधी प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, बल्कि पुलिस और आम लोगों में समन्वय के लिए सेतु का काम भी करेंगे। इसके लिए राज्य सरकार सभी स्कूलों में हर साल 50 हजार रुपए का बजट उपलब्ध करवा रही है। इससे नागौर जिले की 12 स्कूलों में छह लाख और प्रदेश भर में 2 करोड़ 74 लाख रुपए की राशि खर्च की जाएगी। इसमें से एक करोड़ 64 लाख, 40 हजार रुपए केन्द्रीय सहायता से तथा एक करोड़ 9 लाख 60 हजार रुपए राज्य निधि के अंतर्गत स्वीकृत किए गए हैं।
गौरतलब है एसपीसी योजना करीब 10 साल पहले लागू की गई थी, जिसके तहत जिले में जिन स्कूलों में इसे लागू किया गया। वहां इसका ठीक से क्रियान्वयन नहीं किया गया। जिसके चलते कई स्कूलों में यह योजना बंद हो गई। पिछले साल जिले में 31 स्कूलों में यह योजना संचालित थी, लेकिन इस बार मात्र 12 स्कूलों को ही बजट दिया गया है।
हर साल इन पदों पर खर्च होता है बजट टीचिंग ऐड – 16000 आउटडोर गतिविधियां – 24000 प्रशिक्षण – 5000 कंटिजेंसी – 5000 दो साल का पाठ्यक्रम एसपीसी योजना 2 वर्ष की अवधि के लिए कक्षा आठ से प्रारंभ की गई है। इसके प्रथम वर्ष में कक्षा आठ के विद्यार्थियों को शामिल किया गया है, जबकि आगामी वर्ष में इन्हीं कैडेट को दूसरे चरणों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रथम वर्ष में आठवीं कक्षा के शारीरिक स्वास्थ्य विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जाएगा, जो कैडेट सफल होकर 9वीं में आएंगे, उन्हें अगले साल का प्रशिक्षण मिलेगा।
योजना से पूर्ण होंगे ये पांच उद्देश्य – अच्छे स्वास्थ्य, शारीरिक शक्ति एवं मानसिक दृढ़ता का विकास करना। – अनुशासन, नेतृत्व क्षमता एवं सामाजिक दृष्टिकोण अंकुरित करना। – कानून व न्यायिक प्रक्रिया की जानकारी देकर जिम्मेदार नागरिक बनाना।
– यातायात नियंत्रण व आपदा प्रबंधन के कार्यों को सिखाना। – रक्तदान, पर्यावरण संरक्षण आदि कार्यक्रमों में भागीदारी बढ़ाना। बजट मिला है, एक्टिव करेंगे स्टूडेंट पुलिस कैडेट (एसपीसी) योजना के तहत जिले की करीब एक दर्जन स्कूलों को बजट मिला है, जल्द ही संबंधित स्कूलों में एसपीसी को एक्टिव करेंगे।
– अर्जुनराम जाजड़ा, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी, नागौर।