दरअसल, ज्योति मिर्धा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे कहती नजर आ रही हैं कि विधायक का मुख्यमंत्री को बंद लिफाफे में अपनी मांग रखना उसका अधिकार है। उन्होंने कहा कि जिसने इस पत्र को लीक किया, उसके बारे में पता चल गया है। कुछ लोगों ने पहले ही सूचना फैला दी थी कि उनके पास यह पत्र है और वे सही समय पर इसे जारी करेंगे।
इसका कनेक्शन हमारी ही पार्टी से- मिर्धा
उन्होंने कहा कि अफसोस की बात है कि इसका कनेक्शन हमारी ही पार्टी से निकलकर सामने आया है। मिर्धा ने यह भी बताया कि यह मामला पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के संज्ञान में है और कुछ लोग नहीं चाहते कि विधायक डांगा खींवसर में मजबूत स्थिति हासिल करें। इस घटना के बाद से राजस्थान बीजेपी में अंदरूनी सियासी हलचल बढ़ी हुई है। अब सवाल यह है कि क्या पार्टी इस मामले में सख्त कदम उठाएगी? इस दौरान ज्योति मिर्धा ने नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल और उनके भाई नारायण बेनीवाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने बिजली बिलों के मुद्दे पर बेनीवाल की आलोचना करते हुए कहा कि किसानों के बिजली कनेक्शन काटने के बजाय उन घरों के कनेक्शन काटे जाने चाहिए, जहां बिजली बिल लंबे समय से बकाया हैं।
30 जनवरी के लिखा गया था पत्र
गौरतलब है कि 30 जनवरी को लिखे गए इस वायरल पत्र में विधायक डांगा ने अपनी पीड़ा व्यक्त की थी। उन्होंने लिखा कि हनुमान बेनीवाल दोनों पार्टियों के साथ सांठ-गांठ करके नागौर जिले में राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यही स्थिति रही तो आगामी पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों में बीजेपी की स्थिति बेहद खराब हो सकती है। पत्र में विकास कार्यों और तबादलों से जुड़ी शिकायतें भी शामिल थीं।