3 शिकायतों पर 7 युवकों पर केस, 5 गिरफ्तार
पुलिस ने तीन अलग-अलग शिकायतों पर युवकों पर सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जबकि एक नाबालिग व एक अन्य आरोपी फरार है। एसपी प्रदीप शर्मा ने भी टीम की सराहना करते हुए 10-10 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। इस गिरोह का सरगना सूफियान है। करीब साल से सूफियान ही तोहिद, अरुण, उस्मान, वीरू, सोहेल व नाबालिग के साथ मिलकर रैकेट चला रहा था। जांच में अहम खुलासा
जांच में अहम खुलासा हुआ है कि आरोपी गरीब लड़कियों को ढूंढकर उन्हें प्रेम जाल में फंसाकर इंस्टाग्राम पर रिक्वेस्ट भेजना और उनसे फ्रेंडशिप करना था। फिर इंस्टाग्राम पर चैटिंग के जरिए यह लोग लड़कियों से बातचीत करके इन्हें प्रेमजाल में फंसाते और इनका शारीरीक शोषण करते थे।
टीम ने मोबाइल और पेनड्राइव टीआइ अमृतलाल गवरी को सौंपी। जिसे ओपन करके देखा तो इसमें अश्लील वीडियो भरे पड़े थे। इससे पुलिस भी चौंक गई। वीडियो में नजर आ रही युवतियों से संपर्क कर उन्हें परिजनों के साथ थाने बुलाकर पूछताछ की गई तो सामूहिक दुष्कर्म की दर्दनाक कहानी सामने आई।
पेन ड्राइव से फूटा भांडा
4 साल से चल रहे रैकेट का भांडा पेनड्राइव से फूटा। आधी रात युवती के साथ घूम रहे सूफियान को पुलिस ने पकड़ने की कोशिश की। भागते समय उसकी जेब से मोबाइल व पेनड्राइव गिर गए। पुलिस ने पेन ड्राइव खोलकर देखा, तो मामला सामने आया।
लड़कियों का चुपके से वीडियो बनाया
ऐसी लड़कियों को ढूंढने के लिए आरोपी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग के बाहर रेकी भी करते थे। लड़कियों को रिझाने वे खुद को अमीर बताते थे। उनके सामने महंगी गाड़ियां ले जाना और उन पर बेतहाशा पैसा खर्चा करते थे। जिससे लड़कियां भी इन लड़कों के प्रति आकर्षित होने लगी। मगर इन लड़कों ने इनके वीडियो कब बना लिए, उन्हें पता भी नहीं चला। खुलासा यह भी हुआ है कि एक-एक आरोपी की कई इंस्टाग्राम आइडी है। जिसे पुलिस ब्लॉक कराने की तैयारी कर रही है। चैटिंग में अहम खुलासे
पुलिस को आरोपियों के इंस्टाग्राम अकाउंट से लडकियों की चैटिंग भी मिली है, जिसमें कई अहम खुलासे हुए हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, लडकियों को उनके अश्लील वीडियो दिखाकर उसे वायरल करने की धमकी देकर एक लड़की के साथ तीन-तीन, चार-चार लड़कों ने संबंध बनाए। सूत्रों के मुताबिक, शारीरीक शोषण का शिकार हुई लड़कियां बदनामी के डर से इतनी सहमी हुई थी कि वह अपने साथ हुए अत्याचार को स्वीकार ही नहीं कर रही थी। पुलिस ने दिलासा दिलाते हुए उन्हें भरोसे में लिया, तब जाकर शिकायतें दर्ज कराई। एक आरोपी ड्रायवर, एक मोबाइल दुकान पर काम कर चुका