एम-3 ईवीएम की खास विशेषताएं
उन्नत छेड़छाड़-रोधी तकनीकएम-3 ईवीएम में डिजिटल सत्यापन प्रणाली होती है, जो इसकी कंट्रोल यूनिट और बैलट यूनिट के बीच सुरक्षित संपर्क सुनिश्चित करती है। अगर मशीन के साथ कोई छेड़छाड़ की कोशिश की जाती है, तो यह स्वतः निष्क्रिय हो जाती है। इसमें 100 मिलीसेकंड की भिन्नता को भी पकड़ने वाला एंटी-टैम्पर तंत्र है, जो इसे अत्यंत सुरक्षित बनाता है।
एम-3 ईवीएम में मतदाता-सत्यापित पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) प्रणाली होती है, जो मतदाताओं को उनके वोट की पुष्टि करने की सुविधा देती है। वोट डालने के बाद, वीवीपीएटी एक पेपर पर्ची जनरेट करता है, जिसे मतदाता 7 सेकंड तक देख सकता है। यह पारदर्शिता बढ़ाता है और मतदान प्रक्रिया में विश्वास को मजबूत करता है।
पुराने मॉडलों के विपरीत, एम-3 में बैटरी सेक्शन को कैंडिडेट सेक्शन से अलग किया गया है। इससे बैटरी खत्म होने पर मशीन को बदलने की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे मतदान प्रक्रिया में देरी कम होती है। यह 6 वोल्ट की बैटरी से संचालित होती है और बिजली की अनुपस्थिति में भी प्रभावी ढंग से काम करती है।
एम-3 ईवीएम एक बार में अधिकतम 3840 वोट रिकॉर्ड कर सकती है और 64 उम्मीदवारों को सपोर्ट करती है। यह बड़े निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है, जहां उम्मीदवारों की संख्या अधिक होती है।
भारत निर्वाचन आयोग ने एम-3 ईवीएम को ट्रैक करने के लिए ईवीएम ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर (ईटीएस) लागू किया है। यह सॉफ्टवेयर मशीनों की वास्तविक समय में निगरानी करता है और उनके आवंटन को पारदर्शी बनाता है। मशीनों का दो चरणों में रैंडमाइजेशन किया जाता है, जिससे किसी भी तरह की हेराफेरी की संभावना खत्म हो जाती है।