सोशल मीडिया पर वायरल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह वीडियो बिहार के एक जिला अदालत में फिल्माया गया, जिसमें वकील जज से सवाल करते हैं, “जज साहब, अंग्रेजी का ये दंभ क्यों? हम
बिहार में हैं, लोगों की भाषा बोलें!” उनकी यह बात कोर्ट में मौजूद लोगों की तालियों से गूंज उठी। वीडियो ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है। एक यूजर ने लिखा, “इस बिहार के वकील को 101 तोपों की सलामी, जज साहब को सबक सिखाने के लिए!”
वकील की सरहाना
कई लोगों ने वकील की हिम्मत की तारीफ की, जो क्षेत्रीय भाषाओं के सम्मान के लिए खड़े हुए, वहीं कुछ ने अदालत की मर्यादा बनाए रखने की सलाह दी। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना भारत की न्यायिक प्रणाली में भाषा के मुद्दे पर व्यापक बहस को रेखांकित करती है। पटना के एक वकील ने बताया, “उच्च न्यायालयों में अंग्रेजी का वर्चस्व है, लेकिन जिला अदालतें स्थानीय लोगों की सेवा करती हैं, जो क्षेत्रीय भाषाओं में सहज हैं।”
वकील के रवैये पर बोले जज
अदालत या बिहार बार काउंसिल की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, और यह स्पष्ट नहीं है कि वकील को कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। यह वायरल वीडियो भारत की न्यायिक प्रणाली को और समावेशी बनाने की चर्चा को हवा दे रहा है। वकील का यह साहसिक कदम सोशल मीडिया पर अंग्रेजी के कथित अभिजनवादी रवैये के खिलाफ एक बड़े आंदोलन के रूप में देखा जा रहा है।