‘गोलीबारी में अक्सर बच्चे और महिलाएं ही फंसती हैं’
India-Pakistan Tension: श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पुलवामा (2019) (Pulwama attack) और पहलगाम (2025) (Pahalgam Terrorist Attack) आतंकवादी हमलों का उल्लेख किया और कहा कि इन घटनाओं ने देश को “तबाही” के कगार पर ला खड़ा किया है। उन्होंने भारत और पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाइयों पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि अक्सर बच्चे और महिलाएं ही गोलीबारी में फंस जाती हैं। उन्होंने कहा के मैंने एक पल जुड़वां बच्चों को खेलते हुए देखा और अगले ही पल उनके शरीर खून से लथपथ देखे। इन बच्चों और महिलाओं का क्या दोष है जो गोलीबारी में फंस रहे हैं?”‘कब तक हमारी माताओं की गोद होती रहेगी सूनी?’
उन्होंने गोलबारी में मारे गए बच्चों के बारे में कहा, “यह उनकी खेलने की उम्र है। यह कब तक चलेगा? कब तक जम्मू एवं कश्मीर के लोग और विशेषकर यहां के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग कष्ट झेलते रहेंगे? कब तक हमारी माताओं की गोद सूनी रहेगी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के दोनों तरफ़ नागरिक मारे जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “उन्होंने यह युद्ध शुरू नहीं किया, यह उनकी इच्छा से नहीं हो रहा है, लेकिन वे अभी इसकी बहुत बड़ी कीमत चुका रहे हैं।”‘पुलवामा-पहलगाम ने तबाही के कगार पर ला खड़ा किया’
मुफ्ती ने दोनों पक्षों की सैन्य कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि इससे शांति और सद्भाव सुनिश्चित नहीं होता। उन्होंने कहा, “पुलवामा और पहलगाम दो ऐसी घटनाएं हैं, जिन्होंने दोनों देशों को तबाही के कगार पर ला खड़ा किया है। अगर यह इसी तरह जारी रहा, तो पूरी दुनिया के लिए खतरा है।”भारत के प्रधानमंत्री का ऑपरेशन सिंदूर पर पहला बयान आया है जिसे आप इस वीडियो में देख सकते हैं।