सैम पित्रोदा के ‘चीन भारत का दुश्मन नहीं’ वाले बयान से BJP नाराज, कांग्रेस ने कहा- पार्टी के विचार नहीं
कांग्रेस ने कहा कि सैम पित्रोदा की टिप्पणी पार्टी के विचार नहीं हैं, क्योंकि चीन उसकी सर्वोपरि विदेश नीति बनी हुई है। कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, “चीन हमारी विदेश नीति, बाहरी सुरक्षा और आर्थिक चुनौती बनी हुई है।’
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सोमवार को कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा की चीन से भारत को खतरे की सीमा पर सवाल उठाने वाली टिप्पणियों की आलोचना की। भाजपा ने कहा कि उनके बयान पार्टी की मानसिकता को दर्शाते हैं। कांग्रेस की विदेश इकाई के प्रमुख सैम पित्रोदा ने कहा कि भारत के परमाणु हथियार संपन्न पड़ोसी चीन से खतरे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि नई दिल्ली को बीजिंग को दुश्मन मानना बंद कर देना चाहिए।
भारत-चीन के मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है- पित्रोदा
सैम पित्रोदा ने एक इंटरव्यू में कहा, “मैं चीन से खतरे को नहीं समझता। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है, क्योंकि अमेरिका में दुश्मन को परिभाषित करने की प्रवृत्ति है। मेरा मानना है कि अब समय आ गया है कि सभी देश आपस में सहयोग करें, न कि टकराव करें। हमारा दृष्टिकोण शुरू से ही टकराव वाला रहा है और इस रवैये से दुश्मन पैदा होते हैं, जो बदले में देश के भीतर समर्थन हासिल करते हैं। हमें इस मानसिकता को बदलने की जरूरत है और यह मानना बंद करना होगा कि चीन पहले दिन से ही दुश्मन है।”
राहुल गांधी ने भी पहले इस तरह की बातें कहीं हैं- सुधांशु त्रिवेदी
सैम पित्रोदा पर पलटवार करते हुए भाजपा ने उनकी टिप्पणी को ‘भारत की पहचान, कूटनीति और संप्रभुता पर गहरा आघात’ बताया। भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने तर्क दिया कि ये अलग-थलग बयान नहीं हैं, उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने पहले भी इसी तरह की टिप्पणी की थी। टिप्पणियों की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि ये 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़पों के दौरान कार्रवाई में शहीद हुए भारतीय सैनिकों का अपमान है।
Watch: On whether US President Donald Trump and PM Modi will be able to control the threat from China, Indian Overseas Congress Chief Sam Pitroda says, "I don't understand the threat from China. I think this issue is often blown out of proportion because the U.S. has a tendency… pic.twitter.com/UaBvPVqdsr
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने कहा कि चीन के प्रति कांग्रेस के जुनून का मूल कांग्रेस और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के बीच 2008 के समझौता ज्ञापन (MOU) में निहित है। तुहिन सिन्हा ने कहा, “जिन लोगों ने हमारी 40,000 वर्ग किलोमीटर भूमि चीन को दे दी, उन्हें अब भी ड्रैगन से कोई खतरा नहीं दिखता। कोई आश्चर्य नहीं कि राहुल गांधी चीन से भयभीत हैं और IMEEC की घोषणा से एक दिन पहले BRI का समर्थन कर रहे थे। कांग्रेस पार्टी के चीन के प्रति जुनूनी आकर्षण का मूल रहस्यपूर्ण 2008 के कांग्रेस-CPP समझौता ज्ञापन में छिपा है।” भाजपा के एक अन्य प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि पित्रोदा राहुल गांधी के करीबी सहयोगी हैं और उन्होंने कांग्रेस पर भारत के हितों से अधिक चीन के हितों को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया।
चीन हमारे लिए चुनौती बनी हुई है- जयराम रमेश
कांग्रेस ने कहा कि सैम पित्रोदा की टिप्पणी पार्टी के विचार नहीं हैं, क्योंकि चीन उसकी सर्वोपरि विदेश नीति बनी हुई है। कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, “चीन हमारी विदेश नीति, बाहरी सुरक्षा और आर्थिक चुनौती बनी हुई है। कांग्रेस ने चीन के प्रति मोदी सरकार के दृष्टिकोण पर बार-बार सवाल उठाए हैं… यह भी बेहद खेदजनक है कि संसद को स्थिति पर चर्चा करने और इन चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए सामूहिक संकल्प व्यक्त करने का अवसर नहीं दिया जा रहा है।”
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