चंडीगढ़ नगर निगम में 35 सदस्य हैं, जिनमें निर्वाचित पार्षद और चंडीगढ़ के सांसद शामिल हैं, जिन्हें पदेन सदस्य के रूप में मतदान का अधिकार है। चुनाव से पहले, सीटों का बंटवारा इस प्रकार था: आप के पास 13 पार्षद, कांग्रेस के पास 6, भाजपा के पास 16 और चंडीगढ़ के सांसद (कांग्रेस) के लिए 1 वोट था। चुनाव से कुछ दिन पहले, कांग्रेस पार्षद गुरबख्श रावत भाजपा में शामिल हो गए, जिससे पार्टी की संख्या बढ़कर 16 हो गई।
चुनाव गुप्त मतदान के माध्यम से कराया गया था। मनोनीत पार्षद रमणीक सिंह बेदी को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया था, और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश जयश्री ठाकुर को चुनावों की निगरानी के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्वतंत्र पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था। शीर्ष अदालत ने यह भी निर्देश दिया था कि चुनाव कार्यवाही की वीडियोग्राफी की जाए।