क्राइम ब्रांच के आधिकारिक बयान के अनुसार, “आरोपी राहुल शर्मा के नाम से यूट्यूब कर्मचारी बनकर लोगों को ब्लैकमेल करता था। वह धमकी देता था कि उनकी निजी वीडियो यूट्यूब पर अपलोड कर दी जाएंगी। इसके अलावा, वह दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम शाखा के ‘इंस्पेक्टर सुरेंद्र’ के रूप में भी अपनी पहचान छिपाता था।” आरोपी ने व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए लोगों की निजी वीडियो रिकॉर्ड कर उसी तरीके से सैकड़ों लोगों को ब्लैकमेल किया और पैसे ऐंठे।
आरोपी, जिसका असली नाम शाहिद है, राजस्थान का रहने वाला है। उसके खिलाफ दिल्ली के क्राइम ब्रांच थाने में FIR नंबर 281/2022 दर्ज है, जिसमें IPC की धारा 384 (उगाही), 419 (प्रतिरूपण), 420 (धोखाधड़ी), और 120-B (आपराधिक साजिश) के तहत मामला चल रहा था। शाहिद के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) भी जारी किया गया था।
ऐसे चलता था ‘खेल’
बयान के मुताबिक, यह FIR 30 नवंबर 2022 को दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि नवंबर 2022 में उसे “यूट्यूब कर्मचारी राहुल शर्मा” के नाम से एक फोन आया। कॉलर ने दावा किया कि उसके पास शिकायतकर्ता की आपत्तिजनक वीडियो है और इसे सोशल मीडिया पर डालने से रोकने के लिए पैसे मांगे। जांच में पता चला कि “राहुल शर्मा” नाम का यह शख्स संदीप अग्रवाल (जो पहले गिरफ्तार हो चुका है) का एजेंट था। संदीप और उसके साइबर ठगों के गिरोह ने मिलकर यह उगाही का रैकेट चलाया था। अपनी प्रतिष्ठा बचाने के डर से शिकायतकर्ता ने पहले 3,61,000 रुपये अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किए, लेकिन विभिन्न नंबरों से लगातार धमकियां मिलने के बाद उसने कई बार में कुल 25 लाख रुपये और दे दिए। जांच से यह भी खुलासा हुआ कि शिकायतकर्ता को साइबर अपराधियों ने सोशल मीडिया पर दोस्त बनाकर निशाना बनाया था। उन्होंने उसकी निजी तस्वीरें और वीडियो हासिल कर उगाही शुरू की। बयान में कहा गया, “वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर, इस मामले में फरार आरोपी को पकड़ने के लिए SI हरविंदर और उनकी टीम ने मेहनत की। टीम ने हरियाणा के नूंह और राजस्थान के भरतपुर में छापेमारी की। तकनीकी निगरानी से आरोपी की लोकेशन हरियाणा के यमुनानगर में मिली। टीम ने तुरंत कार्रवाई की और छापा मारकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से 5 दिन की पुलिस हिरासत (PC remand) मिली ताकि बाकी सह-आरोपियों को पकड़ा जा सके और ठगी की पूरी रकम बरामद की जा सके।”
5 बच्चों का पिता है आरोपी
पूछताछ में शाहिद ने बताया कि उसने हरियाणा के नूंह के गोकुलपुर में सरकारी स्कूल से सिर्फ तीसरी कक्षा तक पढ़ाई की है। बचपन में ही उसके माता-पिता का देहांत हो गया था। 2009 में उसकी शादी हुई और अब उसके पांच बच्चे हैं। किसान के तौर पर काम करते हुए वह अपने परिवार की रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने में संघर्ष कर रहा था। 2022 में वह अपने कुछ परिचितों के साथ वसीम नाम के शख्स के संपर्क में आया, जो जयपुर के कन्नौर का रहने वाला था। वसीम, माजिद के नेतृत्व वाले सेक्सटॉर्शन गिरोह से जुड़ा था। पैसों की चाहत में शाहिद भी इस गिरोह का हिस्सा बन गया।
अलग-अलग पहचान बनाकर किया ब्लैकमेल
शाहिद ने उगाही के लिए अलग-अलग पहचान अपनाई। कभी वह “यूट्यूब से राहुल शर्मा” बनता, तो कभी “दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच से इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार”। पिछले कई महीनों में उसने सैकड़ों लोगों से उगाही की। मामले की जांच अभी जारी है। बयान में कहा गया, “सेक्सटॉर्शन एक कुख्यात साइबर अपराध है, जो देशभर में लोगों को परेशान कर रहा है। इसमें वीडियो कॉल, खासकर व्हाट्सएप के जरिए लोगों की आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड की जाती हैं। फिर साइबर अपराधी सोशल मीडिया कर्मचारी या पुलिस अधिकारी बनकर उन्हें ब्लैकमेल करते हैं। कई बार पीड़ित इन अपराधियों को लाखों रुपये तक दे देते हैं।”