पुराने आयकर अधिनियम 1964 की लेगा जगह
नया आयकर विधेयक छह दशक पुराने आयकर अधिनियम 1964 की जगह लेगा। नया विधेयक कोई नया कर नहीं लगाता है, बल्कि मौजूदा आयकर अधिनियम की भाषा को सरल बनाता है। नया कानून अप्रैल 2026 की शुरुआत से लागू होने की उम्मीद है। ‘कर कानूनों को सरल बनाने की उम्मीद है’
वहीं विशेषज्ञों के अनुसार नया विधेयक मौजूदा अधिनियम की कई ‘अप्रचलित’ धाराओं को समाप्त कर देगा, मुकदमेबाजी को कम करेगा और अनुपालन में सुधार करेगा। इससे कर कानूनों को सरल बनाने की भी उम्मीद है, यह सुनिश्चित करते हुए कि वे अधिक पारदर्शी, व्याख्या करने में आसान और करदाता के अनुकूल हों।
नए विधेयक में फ्रिंज बेनिफिट टैक्स से संबंधित अनावश्यक धाराएं हटा दी गई हैं। विधेयक में ‘स्पष्टीकरण या प्रावधान’ नहीं हैं, जिससे इसे पढ़ना और समझना आसान हो गया है। ‘बावजूद’ शब्द जिसका मौजूदा आयकर अधिनियम में अत्यधिक उपयोग किया जाता था, को नए विधेयक में हटा दिया गया है। इसे लगभग हर जगह ‘अपरिहार्य’ शब्द से बदल दिया गया है।
गुरुवार को पेश की जाएगी JPC की रिपोर्ट
संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट गुरुवार को संसद में पेश की जाएगी। बता दें कि 3 फरवरी को संसद में वक्फ संशोधन बिल 2024 को लेकर जेपीसी की रिपोर्ट पेश होनी थी लेकिन इसे टाल दिया गया। JPC अध्यक्ष ने कहा था कि जब लोकसभा अध्यक्ष इसे एजेंडे में रखेंगे तो हम इसे पेश करेंगे। इसके अलावा वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त समिति के समक्ष दिए गए साक्ष्य का रिकॉर्ड भी 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया जाएगा।