नेपाल के आतंकी नेटवर्क से था जुड़ा
NIA ने बताया कि यह गिरफ्तारी खालिस्तानी आतंक की एक साजिश के मामले में हुई है। जेल से भागने के बाद, कश्मीर सिंह ने बब्बर खालसा और हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा जैसे खालिस्तानी आतंकियों के साथ मिलकर काम किया। वह भारत के बाहर बैठे आतंकियों की योजनाओं में मदद करता था। NIA के अनुसार, कश्मीर सिंह बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) और रिंदा के नेपाल स्थित नेटवर्क का एक अहम हिस्सा था। उस पर आरोप है कि वह नेपाल में छिपे आतंकियों को रहने की जगह, पैसे और सामान पहुंचाने का काम करता था। वह मोहाली में पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस दफ्तर पर हुए रॉकेट हमले जैसी वारदातों में भी शामिल था।
पहले से वांटेड था आतंकी
NIA ने इस केस को अगस्त 2022 में दर्ज किया था। इसमें बब्बर खालसा, खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (ISYF) जैसे आतंकी संगठनों की जांच की जा रही है। जांच में पता चला कि आतंकियों और अपराधियों का एक बड़ा नेटवर्क भारत मेंसीमापार से हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक, आईईडी और अन्य आतंकी सामग्री भेजने का काम करता है। कश्मीर सिंह को NIA ने घोषित अपराधी बताया था और उसके लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। उसकी गिरफ्तारी की जानकारी देने वाले को 10 लाख रुपये इनाम की घोषणा भी की गई थी।
पहले भी कई आरोपियों पर कार्रवाई
जुलाई 2023 में NIA ने इस केस में हरविंदर सिंह रिंदा, लांडा और सात अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसके बाद छह और लोगों के खिलाफ दो और चार्जशीटें दाखिल की गईं। अगस्त 2024 में NIA ने लांडा के भाई तरसेम सिंह को यूएई से प्रत्यर्पण करवाया और भारत लाया। दिसंबर 2024 में एक और आरोप पत्र दाखिल किया गया।