“जो अधिकारी पानी छोड़ने आएगा, अपनी सुरक्षा का खुद जिम्मेदार होगा”
नंगल डैम पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मान ने कहा, “पंजाब की जनता पूरी तरह तैयार है। कोई भी बीबीएमबी अधिकारी अगर पानी छोड़ने आता है, तो वह अपनी सुरक्षा का खुद जिम्मेदार होगा।” उन्होंने केंद्रीय मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को इस साजिश का “मास्टरमाइंड” बताया और आरोप लगाया कि वे केंद्र सरकार में रहते हुए पंजाब का हक छीने जाने की योजना बना रहे हैं।
“पंजाबी सरहदों की रक्षा कर सकते हैं, तो अपने पानी की भी कर सकते हैं”
मुख्यमंत्री ने भावुक अंदाज में कहा, “अगर पंजाब के लोग देश की सीमाओं की रक्षा कर सकते हैं, तो वे अपने जल संसाधनों की भी हिफ़ाज़त करना जानते हैं।” मान ने यह भी स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट ने राज्य को पानी छोड़ने का कोई आदेश नहीं दिया है। उन्होंने कहा, “बीजेपी न्यायिक निर्देशों की आड़ में पंजाब का पानी गैरकानूनी तरीके से छीनने की कोशिश कर रही है।” उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में राजस्थान को पानी केवल सेना की आवश्यकता के आधार पर पंजाब के कोटे से दिया गया, क्योंकि वहां तैनात सैन्य बलों के लिए पानी की आपूर्ति जरूरी थी।
जब बात राष्ट्रीय हित की होती है, तो पंजाब कभी पीछे नहीं हटता
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि जब बात राष्ट्रीय हित की होती है, तो पंजाब कभी पीछे नहीं हटता। उन्होंने कहा कि हाल ही में जो पानी छोड़ा गया, वह देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए था। लेकिन उन्होंने साफ कहा कि इसका मतलब यह नहीं कि कोई पंजाब के पानी को खैरात समझे। मान ने आरोप लगाया कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड ने पंजाब की जनता के पैसों का गलत इस्तेमाल किया है। उन्होंने BBMB के पिछले कुछ सालों के खर्चों की जांच की मांग की। उन्होंने कहा, “यह शर्मनाक है कि BBMB ने पंजाब के टैक्स से मिले पैसों का इस्तेमाल पंजाब के खिलाफ केस लड़ने में किया है।”
किसानों पर मान ने कसा तंज़
मुख्यमंत्री ने किसान संगठनों पर भी निशाना साधा और कहा, “ये लोग इसलिए गायब हैं क्योंकि इस प्रदर्शन में कोई एसी ट्रॉली नहीं है।” उन्होंने कहा कि अब पंजाब सरकार खुद आगे आकर राज्य के संसाधनों की रक्षा करेगी। यह बयान उस समय आया जब पंजाब पर कानूनी दबाव बढ़ रहा है। शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने कहा कि ऐसा लगता है कि पंजाब ने 6 मई के कोर्ट आदेश का उल्लंघन किया है, जिसमें BBMB के काम में हस्तक्षेप करने से मना किया गया था। कोर्ट ने कहा कि “यह अदालत की अवमानना का मामला बनता है।”
BBMB के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने अदालत को बताया कि जब उनके अफसर हरियाणा के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ने गए तो पंजाब पुलिस और गांववालों ने उन्हें रोका। कोर्ट ने कहा, “चाहे आदेश सही हो या गलत, जब तक उसे बदला नहीं जाता या रोका नहीं जाता, उसे मानना जरूरी है।” कोर्ट ने फिलहाल सोमवार तक इंतजार करने का फैसला किया ताकि पंजाब सरकार अपनी स्थिति साफ कर सके।