दरअसल, कांग्रेस में लंबे समय से संगठन को चुस्त दुरुस्त करने की कवायद चल रही है। दिल्ली चुनाव के नतीजे के बाद कांग्रेस आलाकमान पर बदलाव का ज्यादा दबाव बढ़ गया है। ऐसे में पिछले चार दिनों से कांग्रेस के अंदर खान बैठकें चल रही हैं। इनमें मंथन किया जा रहा है कि कुछ नेताओं को प्रदेश से केंद्र की राजनीति में बुलाया जाए, जबकि कुछ नेताओं को राष्ट्रीय पदाधिकारी पद से छुट्टी देकर प्रदेश की बागडोर संभलाई जाए।
क्या केसी वेणुगोपाल की होगी महाचसिव पद से छुट्टी
वहीं कांग्रेस के सियासी गलियारे में सबसे ज्यादा चर्चाएं इस बात को लेकर भी है कि क्या संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को महासचिव पद से हटा कर कहीं और एडजस्ट किया जाएगा। केसी वेणुगोपाल को जनवरी, 2019 में संगठन महासचिव बनाया गया था। वह वर्तमान में केरल से सांसद हैं। कई राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद उनकी भूमिका पर भी सवाल उठते आए हैं। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक पार्टी के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल अपने पद पर बने रहेंगे।
हिंदी बेल्ट और पूर्वोत्तर पर जोर
कांग्रेस की स्थिति हिंदी बेल्ट के साथ पूर्वोत्तर राज्यों में खराब है। दक्षिणी राज्यों में कमोबेश स्थिति ठीक है। ऐसे में कांग्रेस संगठन स्तर पर सबसे ज्यादा काम इन दोनों क्षेत्रों में ही करना चाहती है। यही वजह है कि हिंदी बेल्ट राज्यों और पूर्वोत्तर राज्यों में ज्यादा बदलाव देखने को मिल सकता है।
सूची हो रही तैयार
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की गांधी परिवार के साथ लगातार बैठकें चल रही हैं। हर प्रदेश के संगठन की समीक्षा की जा रही है। जहां भी थोड़ी कमी है उसको ठीक करने की रणनीति बताई है।हरियाणा में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के साथ नेता प्रतिपक्ष भी घोषित किया जाएगा। ऐसा बताया जा रहा है कि इनमें से एक पद किसी महिला के नाम जा सकता है।