पीएम मोदी ने कहा कि यह हमला सिर्फ निहत्थे पर्यटकों पर नहीं हुआ है, देश के दुश्मनों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है। मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि जिन्होंने यह हमला किया है, उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। सजा मिलकर रहेगी। अब आतंकियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के आकाओं की कमर तोड़कर रहेगी।
आतंकियों ने मासूम देशवासियों को बेरहमी से मारा
प्रधानमंत्री ने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने मासूम देशवासियों को जिस बेरहमी से मारा है, उससे पूरा देश व्यथित है। कोटि-कोटि देशवासी दुखी हैं। सभी पीड़ित परिवारों के इस दुख में पूरा देश उनके साथ खड़ा है। इन परिवारजनों का अभी इलाज चल रहा है। वे जल्द स्वस्थ हों, इसके लिए भी सरकार हर प्रयास कर रही है। इस आतंकी हमले में किसी ने अपना बेटा खोया, किसी ने अपना भाई खोया, किसी ने अपना जीवनसाथी खोया। इनमें से कोई बांग्ला बोलता था, कोई कन्नड़ बोलता था, कोई मराठी, कोई गुजराती था, कोई यहां बिहार का लाल था। आज उन सभी की मृत्यु पर करगिल से कन्याकुमारी तक हमारा दुख और आक्रोश एक जैसा है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आतंकवाद पर सख्त रुख अपनाने के साथ-साथ बिहार के विकास पर भी जोर दिया। उन्होंने हजारों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया, जिसमें ग्रामीण विकास और महिलाओं के सशक्तिकरण से जुड़े प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। उन्होंने कहा, “आज पंचायती राज दिवस है और पूरा देश मिथिला और बिहार से जुड़ा है। इन प्रोजेक्ट्स से बिहार की तस्वीर बदलेगी।”
उन्होंने पिछले एक दशक में ग्रामीण भारत की प्रगति पर भी प्रकाश डाला। पीएम ने बताया कि 2 लाख से ज्यादा ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा गया है और 5.50 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर बनाए गए हैं। पंचायतों के डिजिटलीकरण से लोगों को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज आसानी से मिल रहे हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आजादी के बाद देश को संसद की नई इमारत मिली, वहीं 30 हजार नए पंचायत भवन भी बनाए गए हैं। सरकार ने पिछले 10 सालों में पंचायतों को 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड दिया है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को गति मिले।