आडवाणी का राजनीतिक सफर
लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म कराची में 8 नवंबर 1927 को हुआ था। 14 साल की उम्र में आडवाणी RSS के सदस्य बन गए थे। 1947 में विभाजन के बाद वे और उनका परिवार भारत आ गया। 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी (Syama Prasad Mookerjee) द्वारा स्थापित भारतीय जनसंघ में शामिल हो गए। 1970 में वे राज्यसभा गए और दो साल बाद पार्टी के अध्यक्ष भी चुने गए। जब 1977 में मोरारजी देसाई (Morarji Desai) के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी तो लालकृष्ण आडवाणी को सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया। 1980 में उन्होंने बीजेपी की स्थापना में अहम भूमिका निभाई।
BJP के तीन बार रहे अध्यक्ष
आडवाणी को 1984 के आम चुनाव में भाजपा को मात्र दो सीटों से 1990 के दशक में राष्ट्रीय ताकत बनाने के लिए व्यापक रूप से जाना जाता है। अयोध्या में राम मंदिर (Ram temple) के निर्माण की वकालत करते हुए राम जन्मभूमि आंदोलन में उनके नेतृत्व ने भाजपा की राजनीतिक किस्मत को काफी हद तक बढ़ाया। बीजेपी के अध्यक्ष पद पर आडवाणी तीन बार रह चुके हैं। वहीं अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के नेतृत्व वाली एनडीए सराकर में उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री पद पर भी रहे।