अस्पताल और पेट्रोल पंप समेत करोड़ों की संपत्ति के मालिक, आखिर कौन थे बिहार के उद्योगपति गोपाल खेमका
अस्पताल और पेट्रोल पंप समेत कई अन्य कारोबारों के मालिक थे गोपाल खेमका। देर रात अज्ञात बदमाशों ने गोली मार के उनकी हत्या कर दी। इसी तरह 7 साल पहले उनके बेटे गुंजन खेमका की भी हुई थी हत्या
बिहार की राजधानी पटना में बीती रात मशहूर कारोबारी गोपाल खेमका की गोली मार कर हत्या कर दी गई। खेमका रात 11 से 12 बजे के बीच खेमका बांकीपुर क्लब से अपने घर लौटे थे और तभी घात लगा कर बैठे स्कूटी सवार बदमाशों ने उनके सिर में एक के बाद एक गोली मारी, जिसके बाद वह जमीन पर गिर गए। घटना के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए और उद्योगपति को अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। घटना के बाद से ही इलाके में दहशत फैल गई है। बिहार पुलिस ने घटना की जांच के लिए एसआईटी का घटन किया है। आइए जानते है कि आखिर कौन थे कारोबारी गोपाल खेमका और कैसे हुई उनकी मौत।
गोपाल खेमका बिहार के मशहूर कारोबारियों में से एक थे। वह बिजेपी के नेता भी थे और उनके अस्पताल और पेट्रोल पंप समेत कई अन्य कारोबार थे। वे पटना में मौजूद मगध अस्पताल के मालिक थे और इसके अलावा उनकी दवाई की कई दुकानें भी थी। इसके अलावा हाजीपुर में दो गत्ते की फैक्ट्रियों के मालिक भी थे। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि खेमका का पटना के एग्जीबिशन रोड पर एक पेट्रोल पंप भी था और हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में एक फैक्ट्री भी थी। इसके अलावा भी खेमका के कई अन्य बिजनेस थे। इसके साथ ही खेमका ने एमबीबीएस की डिग्री भी हासिल की थी।
कैसे हुई थी खेमका के बेटे की हत्या
खेमका की मौत कोई छोटी मोटी दुश्मनी के चलते नहीं हो सकती है क्योंकि यह मामला सालों पहले से चला आ रहा है। सात साल पहले 2018 में बदमाशों ने इसी तरह खेमका के बड़े बेटे और बीजेपी के लघु उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक गुंजन खेमका की भी हत्या की साजिश रची गई थी। गुंजन अपनी कार से पटना से हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में अपनी फैक्ट्री पहुंचे थे और तभी बाइक सवार बदमाशों ने उनके ऊपर गोली चला दी थी। बदमाशों ने लगातार गोलियों की बारिश शुरु कर दी थी जिसके चलते गुंजन को दो गोलियां लगी थी और उनके ड्राइवर को भी एक गोली लग गई थी। घटना में गुंजन की मौके पर ही मौत हो गई थी।
क्या गुंजन के आरोपियों को मिली थी सजा
गुंजन खेमका हत्या के मामले में बिहार पुलिस ने अभिषेक कुमार उर्फ मस्तू सिंह नाम के एक अपराधी को गिरफ्तार किया था। मस्तू को गुंजन को मारने की सुपारी दी गई थी। मामले में जमीनी विवाद का मुद्दा सामने आया था। मस्तू एक नामी बदमाश था जिसके खिलाफ पटना जिले में दर्जनों मामले दर्ज थे। वह कई हत्या और बदमाशी के मामलों में आरोपी साबित था। लेकिन कुछ समय बाद जब मस्तू जेल से बाहर आया तो उसकी भी हत्या कर दी गई। मस्तू के अलावा गुंजन खेमका मर्डर मामले में अरुण चौधरी नामक एक व्यक्ति को भी रिमांड में लिया गया था, जिसकी अब गोपाल खेमका मर्डर मामले में भी तलाश की जा रही है।
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