इस साल 156 दवाइयों पर लगा प्रतिबंध
इस साल बाजार से लगभग 156 दवाइयों को हटाया गया है। इनमें दर्द की दवाओं के साथ डायबिटीज समेत कई दवाएं शामिल हैं। इस कई दवाओं पर प्रतिबंध लगाया है, उसमें ‘कंटेनिंग फेनेलफ्रीन’ भी शामिल है। यह दवा सामान्य रूप से सर्दी, खांसी और नजला के लिए उपयोग में ली जाती है। इस दवा का अधिक इस्तेमाल करने से हार्ट संबंधी समस्याएं हो सकती है। कई रिसर्च में भी यह बात सामने आ चुकी है कि यह दवा ब्लड प्रेशर बढ़ा सकती है। पैरासिटामोल ज्यादा खाने से हो सकती हैं ये बीमारियां
पैरासिटामोल की हाई डोज वाली कुछ दवाओं को भी बाजार से हटा लिया गया है। इस साल में स्वास्थ्य मंत्रालय ने पैरासिटामोल की कुछ हाई डोज वाली सेहत लिए खतरनाक दवाओं पर रोक लगाई है। वहीं कुछ फीमेल इनफर्टिलिटी वाली दवाओं पर भी सरकार ने बैन लगाया है। यह दवा महिलाओं की इनफर्टिलिटी के लिए इस्तेमाल होती थी। इसके साथ ही यूरिन इंफेक्शन वाली कई दवाईयों को भी बाजार से हटाया गया है। ऑफलोक्सासिन और फ्लेवोजेट का मिश्रण यूरिन इंफेक्शन में किया जाता है। अब यह दवाएं बाजार में उपलब्ध नहीं है।
इन दवाओं पर भी लगा प्रतिबंध
साल 2024 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने मरीजों की सुरक्षा और दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने विटामिन-डी, एंटीबायोटिक्स, आंखों के इंफेक्शन की दवाओं, और माइग्रेन व पेट दर्द की दवाइयों पर प्रतिबंध लगाया। यह निर्णय रोगियों के हित में और दवाओं के साइड इफेक्ट्स के कारण लिया गया।
माइग्रेन और पेट दर्द की दवाएं
फिनाइलफ्राइन+हाइड्रॉक्सीप्रोपाइलमिथाइलसेलुलोज+बोरिक एसिड+मेन्थॉल+कपूर, क्लोरफेनिरामाइन मैलेट+सोडियम क्लोराइड+बोरिक एसिड+टेट्राहाइड्रोज़ोलिन इन दवाओं में पाए जाने वाले कुछ तत्वों के साइड इफेक्ट्स जैसे आंखों की लालिमा, सूजन, और दुष्प्रभाव के चलते प्रतिबंध लगाया गया। मिनरल्स और मल्टीविटामिन के संयोजन वाली इन दवाओं के फॉर्मूलेशन में गुणवत्ता की कमी और इनके अनावश्यक उपयोग से जुड़ी चिंताओं के कारण इन्हें बैन किया गया। माइग्रेन, एसिडिटी, उल्टी और पेट दर्द के इलाज में इस्तेमाल होने वाली कुछ दवाओं के लंबे समय तक उपयोग से गंभीर दुष्प्रभाव पाए गए।