जूतों में कीलें ठोकने वाला सीन भी जोड़ा सेंसर बोर्ड ने कुछ दूसरे सीन भी फिल्म से हटवा दिए थे। इनमें वह सीन शामिल था, जिसमें रामलाल (सत्येन कप्पू) को ठाकुर के जूतों में कीलें ठोकते दिखाया गया था। ‘शोले’ के रिस्टोर वर्जन में हटाए गए सीन भी जोड़े गए हैं, जो करीब छह मिनट के हैं। इससे फिल्म अब 3.30 घंटे की हो गई है। रमेश सिप्पी के भतीजे शहजाद सिप्पी का कहना है कि जोड़े गए दृश्यों पर हम सस्पेंस रखना चाहते हैं।
4के में फुल एचडी से चार गुना ज्यादा पिक्सल फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन को ‘शोले’ का 4के वर्जन तैयार करने में करीब तीन साल लगे। इसे सिनेमाघरों में रिलीज करने के बारे में फिलहाल फैसला नहीं किया गया है। 4के रिजॉल्यूशन में 3840*2160 पिक्सल होते हैं। इसे अल्ट्रा हाई डेफिनिशन भी कहा जाता है। इसमें फुल एचडी (1920*1080) से चार गुना ज्यादा पिक्सल होने से तस्वीरें स्पष्ट और बहुआयामी होती हैं।