आम आदमी पार्टी की राजनीति में यह नया अध्याय माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान अपने ही गढ़ में मिली करारी हार के बाद केजरीवाल ने युवाओं में पकड़ मजबूत करने के लिए इसकी शुरुआत की है। वहीं आम आदमी पार्टी का कहना है कि ये स्टूडेंट विंग कैंपस में बदलाव के लिए आंदोलन की शुरुआत है। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी पार्टियों के नेताओं पर हिन्दू-मुस्लिम कराने का आरोप लगाया। कहा कि राजनीतिक दलों के बड़े नेता अपने बच्चों को विदेशों में पढ़ाते हैं। जबकि आम आदमी के बच्चों के हाथों में डंडा देकर मस्जिदों के बाहर हिन्दू-मुस्लिम कराते हैं।
मुख्यधारा की राजनीति को बताया समस्याओं की जड़
मंगलवार को छात्र संगठन ASAP का गठन करने के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा “मौजूदा समय में देश गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है। लोगों को पर्याप्त भोजन नहीं मिल रहा, शिक्षा और इलाज की सुविधाएं नहीं हैं। अस्पताल और सड़कें बदहाल हैं। समाज का हर वर्ग दुखी है। महिलाएं असुरक्षित हैं। छात्र परेशान हैं। व्यापारी हताश हैं। इन सब समस्याओं की जड़ ‘मेनस्ट्रीम पॉलिटिक्स’ है। जिसमें भाजपा, कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल शामिल हैं। ये सभी पार्टियां एक ही ढर्रे की राजनीति करती आ रही हैं। जिससे आम आदमी का जीवन बेहतर नहीं हो पा रहा।”
रेखा सरकार पर बोला तीखा हमला
छात्र शाखा को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की रेखा सरकार पर जमकर सियासी हमले किए।
केजरीवाल ने कहा “दिल्ली में जब आम आदमी पार्टी सत्ता में थी तो हमनें लोगों को 24 घंटे बिजली की सुविधा उपलब्ध कराई थी, लेकिन भाजपा राज आने के बाद अब स्थिति बदल गई है। भाजपा ने दिल्ली की सत्ता संभालते ही लंबे-लंबे पावर कट लगाने शुरू कर दिए हैं।” इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने दावा करते हुए कहा “दिल्ली की बिजली वितरण में राजनीति है। बिजली की दरें निर्धारित करने में भी राजनीति है। इसीलिए जब तक आम नागरिक राजनीति में हिस्सा नहीं लेगा। तब ये समस्याएं ज्यों की त्यों बनी रहेंगी।” अरविंद केजरीवाल ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की स्थिति को अभूतपूर्व रूप से सुधारा था। स्कूलों की फीस पर नियंत्रण लगाया गया और शिक्षा माफिया पर लगाम कसी गई। लेकिन भाजपा की सरकार बनने के महज तीन महीने के भीतर ही स्कूलों की फीस बढ़ गई और व्यवस्थाएं चरमरा गईं।
वैकल्पिक राजनीति की परिभाषा बताई
केजरीवाल ने ‘ऑल्टरनेटिव पॉलिटिक्स’ की व्याख्या करते हुए बताया कि यह एक ऐसी राजनीति है। जिसमें जनता की बुनियादी आवश्यकताओं पर ध्यान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का फोकस बेहतर स्कूल, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं, भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन और जनहित को प्राथमिकता देना है। वहीं, पारंपरिक पार्टियां शिक्षा और स्वास्थ्य को अपनी राजनीति का हिस्सा नहीं बनातीं, इसलिए जब सत्ता में आती हैं, तो इन व्यवस्थाओं को नजरअंदाज कर देती हैं।
युवाओं को बनाया परिवर्तन का वाहक
ASAP की स्थापना को केजरीवाल ने युवाओं के हाथ में बदलाव की बागडोर सौंपने की दिशा में बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि जब देश में हर मुद्दा राजनीति से जुड़ा है, तो युवाओं को भी राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज जिस तरह की राजनीति देश में चल रही है, वह नफरत फैलाने वाली है, जिसमें लोगों को धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है।
धर्म के नाम पर लड़ते हैं आम जनता के बच्चे
अपने भाषण के दौरान केजरीवाल ने कटाक्ष करते हुए कहा कि बड़े नेताओं के बच्चे विदेशों में पढ़ते हैं, जबकि गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों को ‘हिंदू-मुसलमान’ के मुद्दे में उलझाया जाता है। उन्होंने कहा कि एक ओर पूरी दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और भविष्य की तकनीकों की बात कर रही है, दूसरी ओर यहां के नेता आम आदमी के बच्चों को हाथ में डंडा देकर मस्जिदों के बाहर हिन्दू और मुसलमान कराते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि धार्मिक ध्रुवीकरण के लिए युवाओं को हथियार बनाकर समाज को तोड़ा जा रहा है।