पहले भी दिया जा चुका है सुरक्षा का हवाला
यह पहली बार नहीं है। जब मायावती ने सुरक्षा कारणों से स्थानांतरण का निर्णय लिया है। करीब 10 साल पहले भी उन्होंने अपने तत्कालीन बंगले के पास स्थित बस स्टॉप को हटवाया था। ताकि सुरक्षा के लिहाज से किसी प्रकार की चूक न हो। ऐसे में यह कदम उनके पुराने रुख के अनुरूप ही देखा जा रहा है। मायावती ने दिल्ली में जो बंगला खाली किया है। वह 35, लोधी एस्टेट में स्थित है। बहुजन समाज पार्टी के 29, लोधी एस्टेट स्थित कार्यालय के ठीक पीछे स्थित होने के चलते यह बंगला बेहद खास माना जाता है। बंगले का पिछला गेट दोनों आवासों के बीच में जुड़ा हुआ है। बीते साल ही दोनों भवनों का समान डिज़ाइन में रिनोवेशन कराया गया था। जिससे वे एक जैसे दिखें और संगठनात्मक दृष्टि से काम में आसानी हो। बंगले के पास स्कूल होने के चलते लिया गया फैसला
एक बसपा पदाधिकारी ने बताया कि बंगला खाली करने के पीछे मुख्य वजह सुरक्षा है। उन्होंने बताया “बंगले के पास की ही सड़क पर एक स्कूल स्थित है। जहां रोज कई स्कूल वैन और बच्चों को लेने-छोड़ने वाले अभिभावकों के वाहन खड़े रहते हैं। वहीं बंगले में तैनात सुरक्षाकर्मियों के वाहन भी उसी जगह खड़े होते हैं। जिससे न सिर्फ मयावती जी की सुरक्षा प्रभावित होती है। बल्कि बच्चों और उनके माता-पिता को भी परेशानी होती है।”
दरअसल, मायावती को Z+ श्रेणी की सुरक्षा मिली है। ऐसे में जब भी वह दिल्ली स्थित अपने आवास पर मौजूद होती हैं। तब उनका सुरक्षा दल बम स्क्वॉड के साथ पूरे इलाके की तलाशी लेता है। जिससे स्कूल और आसपास के लोगों को असुविधा होती है। ऐसे में उनके नए स्थान पर शिफ्ट होने से सुरक्षा और जनसुविधा दोनों बेहतर तरीके से संतुलित हो पाएंगे।
दिल्ली पुलिस को सुरक्षा कारणों की जानकारी नहीं
इस मामले में दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि उन्हें मायावती के बंगले के बाहर किसी विशेष सुरक्षा खतरे की जानकारी नहीं मिली है, लेकिन सुरक्षा बलों को बंगला खाली करने की सूचना दे दी गई थी। मौजूदा समय में बंगले के बाहर CPWD का एक गार्ड तैनात है और मयावती के सभी निजी सुरक्षाकर्मी गेट से हट चुके हैं। उन्हें अभी भी सुरक्षा दी जा रही है। मायावती को टाइप-VII 35, लोधी एस्टेट बंगला, सरकार द्वारा दिए जाने वाले आवास का दूसरा सबसे बड़ा प्रकार है। यह राष्ट्रीय पार्टियों के अध्यक्षों के लिए संपत्ति निदेशालय की जुलाई 2014 की नीति के अनुसार आवंटित किया गया था। 3 अप्रैल को लोकसभा में एक जवाब में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने कहा कि उन्हें यह बंगला 15 फरवरी 2024 को सौंपा गया था। मायावती ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है। जब लोकसभा चुनाव 2024 में बसपा का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा है। इसके साथ ही पार्टी का राष्ट्रीय दल का दर्जा भी संकट में नजर आ रहा है। राजनीतिक हलकों में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि आवास परिवर्तन का निर्णय केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं है। बल्कि इसके पीछे राजनीतिक रणनीति या पुनर्संरचना की तैयारी भी हो सकती है। हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम पर अभी तक मायावती या पार्टी की ओर से कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया गया है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि आने वाले दिनों में बसपा की रणनीतियों में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।