आखिर यह क्या है मामला ?
गौरव गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न एक ब्रिटिश नागरिक हैं, जो पब्लिक पॉलिसी की विशेषज्ञ हैं। गोगोई ने बताया कि साल 2013 में वह दक्षिण एशिया में जलवायु परिवर्तन पर एक अंतरराष्ट्रीय परियोजना में शामिल थीं और उसी के तहत उन्होंने एक साल पाकिस्तान में काम किया था। यह परियोजना पूरी तरह से वैज्ञानिक और अकादमिक प्रकृति की थी, न कि किसी सुरक्षा या राजनीतिक मुद्दे से जुड़ी।
वह भारत लौटीं और तब से यहीं काम कर रही हैं
उन्होंने कहा, “2012-13 में वह भारत लौटीं और तब से यहीं काम कर रही हैं। 2015 में उन्होंने एक नई नौकरी जॉइन की। यह सब सार्वजनिक जानकारी है। मैं भी 2013 में उनके साथ पाकिस्तान गया था, लेकिन वह यात्रा भी पेशेवर वजहों से थी, किसी गुप्त एजेंडे के तहत नहीं।”
राजनीतिक टाइमिंग पर उठे सवाल
गोगोई ने आरोपों की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर इतने बरसों में कोई सुरक्षा खतरा होता, तो अब तक केंद्रीय एजेंसियाँ कार्रवाई कर चुकी होतीं। उन्होंने कहा, “हमारे देश की सीमाएं पार करते समय पासपोर्ट, वीज़ा और इमिग्रेशन की सख्त जांच होती है। फिर भी अगर कोई शक था, तो बीते 11 साल से सत्ता में कौन था?”
“10 सितंबर” की तारीख पर चुटकी
मुख्यमंत्री सरमा के 10 सितंबर को “सच्चाई सामने लाने” की बात पर गोगोई ने व्यंग्य किया: “लगता है वे इस मामले को ‘थ्रिलर’ बना रहे हैं, लेकिन यह फिल्म पहले दिन ही बॉक्स ऑफिस पर धड़ाम होने वाली है।”
राजनीतिक उद्देश्य के पीछे शक
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह पूरा विवाद आगामी चुनावों की पृष्ठभूमि में ध्रुवीकरण और ध्यान भटकाने की कोशिश हो सकता है। कांग्रेस और विपक्षी दल इसे चरित्र हनन और प्राइवेट लाइफ में घुसपैठ के रूप में देख रहे हैं।
रिएक्शन: विपक्ष ने कहा – “यह निजी ज़िंदगी में घुसपैठ है”
टीएमसी, आप और डीएमके जैसे विपक्षी दलों ने हिमंत बिस्वा सरमा पर तीखा हमला बोला है। महुआ मोइत्रा ने कहा, “यह मुद्दा सुरक्षा का नहीं, मानसिक दिवालियापन का है। महिलाओं के खिलाफ इस तरह का राजनीतिक हमला घृणित है।” शिवसेना (UBT) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया, “पत्नी के बहाने नेता को बदनाम करना शर्मनाक है।”
फॉलो-अप: क्या गोगोई मानहानि का मुकदमा करेंगे ?
सूत्रों के मुताबिक, गौरव गोगोई अपनी और पत्नी की छवि को लेकर कानूनी रास्ता अपनाने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने अपने कानूनी सलाहकारों से बातचीत शुरू कर दी है। संभव है कि 10 सितंबर से पहले ही मानहानि का नोटिस भेजा जाए। कांग्रेस पार्टी भी इस मुद्दे को संसद में उठाने की तैयारी कर रही है।
क्या एलिजाबेथ की नागरिकता पर विवाद खड़ा किया जा रहा है?
एलिजाबेथ कोलबर्न एक ब्रिटिश नागरिक हैं, लेकिन पिछले 12 वर्षों से भारत में पेशेवर और कानूनी तौर पर रह रही हैं। सन 2013 में पाकिस्तान में उनका रहना एक ब्रिटिश यूनिवर्सिटी के रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा था। साउथ एशिया में काम करने वाले कई अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं ने इस मामले को “ग्लोबल एक्सपोजर पर शंका” बताया है।
फिलहाल यह मुद्दा राजनीतिक रणभूमि पर एक और ‘इमोशनल ड्रामा’ बन चुका
बहरहाल गौरव गोगोई और उनकी पत्नी के खिलाफ लगे आरोपों की जांच अगर होती है, तो कानूनी प्रक्रिया के तहत ही होनी चाहिए। लेकिन फिलहाल यह मुद्दा राजनीतिक रणभूमि पर एक और ‘इमोशनल ड्रामा’ बन चुका है , जिसमें सच्चाई, साजिश और स्क्रिप्ट, तीनों के पन्ने फड़फड़ाते हुए नजर आ रहे हैं। (
एक्सक्लूसिव इनपुट क्रेडिट: रुचिका सेन, अरुण कश्यप, डॉ. काव्या शाह कैम्ब्रिज साउथ एशिया प्रोग्राम आर्काइव और यूके एकेडमिक मोबिलिटी रिकॉर्ड्स।)
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