scriptएवरेस्ट पर खतरा…बर्फ आवरण 150 मीटर घटा | Patrika News
नई दिल्ली

एवरेस्ट पर खतरा…बर्फ आवरण 150 मीटर घटा

नासा की तस्वीरों से हुआ खुलासा, ऊपर की ओर बढ़ रही है हिम रेखा

नई दिल्लीFeb 21, 2025 / 12:43 am

ANUJ SHARMA

नयी दिल्ली. जयवायु परिवर्तन के कारण दुनिया से सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर भी खतरा मंडराने लगा है। एवरेस्ट के ऊपरी हिस्से में बर्फ का आवरण करीब 150 मीटर (490 फीट) तक कम हो गया है। इससे साफ है कि 2024-2025 में सर्दियों के मौसम में काफी कम बर्फ जमी है। यह खुलासा हाल में नासा की ओर से लिए उपग्रह की तस्वीरों से हुआ।अमरीका के निकोल्स कॉलेज में पर्यावरण विज्ञान के प्रोफेसर और ग्लेशियर का अध्ययन करने वाले ‘ग्लेशियोलॉजिस्ट’ मौरी पेल्टो ने बताया कि ‘अक्टूबर 2023 से जनवरी 2025 की शुरुआत तक नासा के उपग्रह चित्रों से पता चलता है कि 2024 और 2025 दोनों में जनवरी तक ‘हिम रेखा’ में वृद्धि की संभावना है। पेल्टो ने कहा कि हाल की सर्दियों में गर्म और शुष्क परिस्थितियां बनी हुई हैं। यह स्थितियां 2021, 2023, 2024 और 2025 की सर्दियां में भी रही। इस कारण बर्फ का आवरण कम हो रहा है, हिम रेखाएं ऊंची हो रही हैं और जंगल की आग की घटनाएं बढ़ रही है।
क्या होती है हिम रेखा’हिम रेखा’

पहाड़ पर उस ऊंचाई को दर्शाती है, जहां बर्फ स्थायी रूप से बनी रहती है। गौरतलब है कि बर्फ के पिघलने की प्रक्रिया कम ऊंचाई वाले पहाड़ों पर होती है, लेकिन जब पहाड़ की ऊपरी ढलान पर बर्फ पिघलने लगती है तो इससे गर्म जलवायु का संकेत मिलता है।
हर साल 273 अरब टन बर्फ छोड़ देते हैं ग्लेशियर

एक नए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि पृथ्वी पर पिघलते ग्लेशियरों के कारण समुद्रों का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। ज्यूरिख विश्वविद्यालय के ग्लेशियोलॉजिस्ट और अध्ययन के परियोजना प्रबंधक डॉ. सैमुअल नुसबाउमर ने अध्ययन में बताया कि पृथ्वी के ग्लेशियर इतनी तेजी से लुप्त हो रहे हैं। इस दौरान वह हर साल 273 अरब टन बर्फ समुद्र में छोड़ देते हैं। दुनिया के ग्लेशियरों ने औसतन करीब अपना 5 फीसदी द्रव्यमान खो दिया है।

Hindi News / New Delhi / एवरेस्ट पर खतरा…बर्फ आवरण 150 मीटर घटा

ट्रेंडिंग वीडियो