दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि DPDRF यूनिट न केवल दिल्ली पुलिस की तकनीकी और व्यावसायिक क्षमता को बढ़ाएगी। बल्कि राजधानीवासियों को आपदा के समय तेज और प्रभावशाली सहायता प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी। आने वाले समय में इस यूनिट की भूमिका आपातकालीन स्थिति में एक ‘फ्रंटलाइन रेस्पॉन्स टीम’ के रूप में देखने को मिलेगी।
तीन जोन में तैनात किए जाएंगे 270 DPDRF जवान
दिल्ली पुलिस की नई गठित DPDRF यूनिट में कुल 270 पुलिसकर्मी शामिल हैं। जिनमें कॉन्स्टेबल से लेकर सब-इंस्पेक्टर स्तर तक के अधिकारी शामिल हैं। इन जवानों को तीन अलग-अलग कंपनियों में विभाजित किया जाएगा और उन्हें दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में तैनात किया जाएगा। इस विशेष यूनिट की तैनाती का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आपातकालीन स्थितियों जैसे भूकंप, इमारत ढहना या फिर रासायनिक रिसाव जैसी घटनाओं में पुलिस की प्रतिक्रिया तेज और प्रभावशाली हो। एनडीआरएफ से लिया विशेष प्रशिक्षण
दिल्ली पुलिस के सूत्रों की मानें तो इन जवानों को देश की प्रमुख आपदा प्रबंधन एजेंसी राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) द्वारा विशेष रूप से तैयार किया गया है। छह सप्ताह के इस गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम में पुलिसकर्मियों को रेस्क्यू ऑपरेशन, मलबे में फंसे लोगों को निकालने की तकनीक, हवाई हमले के दौरान कार्रवाई की योजना और CBRN (रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु) आपात स्थितियों से निपटने का प्रशिक्षण दिया गया है।
इस विशेष फोर्स के करीब 150 जवान अब तक प्रशिक्षण पूरा कर चुके हैं। जबकि शेष जवानों की ट्रेनिंग मई माह के अंत तक पूरी होने की संभावना है। सभी जवानों के पूरी तरह से प्रशिक्षित हो जाने के बाद इन्हें तीन कंपनियों में बांटा जाएगा। हर कंपनी को एक अलग ज़ोन में तैनात किया जाएगा। ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में यह यूनिट तुरंत प्रतिक्रिया दे सके।
यूनिट के गठन से पुलिस की क्षमता में इजाफा
दरअसल, अभी तक आपदा के समय दिल्ली पुलिस को अन्य एजेंसियों जैसे NDRF, फायर ब्रिगेड या सिविल डिफेंस पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब DPDRF यूनिट के गठन से पुलिस अपने स्तर पर ही तत्काल राहत कार्य शुरू कर सकेगी। इससे न केवल प्रतिक्रिया समय में कमी आएगी। बल्कि ज़मीनी स्तर पर कार्रवाई भी अधिक सटीक और त्वरित हो सकेगी। DPDRF के गठन को दिल्ली पुलिस की आपात प्रबंधन क्षमताओं में बड़ा विस्तार माना जा रहा है। यह यूनिट भविष्य में बड़े आयोजनों, प्रदर्शन या किसी भी आपातकालीन स्थिति के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा और सहायता प्रदान कर सकेगी। इसके अलावा, इस यूनिट को स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करने और सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने की जिम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है।