सौरभ भारद्वाज ने आगे लिखा “इन पेरेंट्स का मानना है की भाजपा सरकार जो आर्डिनेंस (बिल) ला रही है , उससे केवल प्राइवेट स्कूल मालिकों का फायदा होगा । सरकार अपने पल्ला झाड़ लेगी और हर साल फीस बढ़ जाएगी। भाजपा सरकार बनते ही लगभग सभी प्राइवेट स्कूलों ने मनमानी फीस बढ़ा दी है। बार बार सरकार को शिकायत करने के बाद भी अभी तक एक स्कूल की फीस भी वापिस नहीं हुई है । DPS द्वारका पर अभी तक FIR नहीं हुई है। सरकार प्राइवेट स्कूल मालिकों के साथ मिली हुई है।”
दरअसल, अप्रैल महीने में सीएम रेखा गुप्ता ने दिल्ली में निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए एक बिल (Act) लाने की घोषणा की थी। इतना ही नहीं, अप्रैल में रेखा गुप्ता की कैबिनेट ने इस बिल को मंजूरी भी दे दी। उस दौरान कहा गया था कि यह बिल निजी स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ोतरी पर अंकुश लगाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस बिल को विधानसभा में पेश किया जाना था, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो सका। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने इसे फर्जी घोषणा बताते हुए इसे मुद्दा भी बनाया। अभिभावक भी इसी बिल की मांग करते आ रहे हैं।
दिल्ली में फिर गरमाया स्कूलों की मनमानी का मुद्दा
अब दिल्ली में एक बार फिर से निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी में मनमानी का मुद्दा गरमा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 42 प्रतिशत अभिभावकों का कहना है कि बीते तीन सालों में निजी स्कूलों ने 50 से 80 प्रतिशत तक फीस बढ़ोतरी की है। इसको लेकर पिछले दिनों दिल्ली के सैकड़ों अभिभावकों ने शिक्षा निदेशालय के बाहर प्रदर्शन भी किया। आम आदमी पार्टी का दावा है कि लगातार सरकार के पास भी निजी स्कूलों की शिकायतें पहुंच रही हैं, लेकिन सरकार इस दिशा में उदासीनता अपनाए हुए है। अब अगर दिल्ली के शिक्षामंत्री आशीष सूद के बयान पर गौर करें तो उन्होंने स्कूल फीस एक्ट को मंजूरी मिलने की बात कही थी। दिल्ली के शिक्षामंत्री आशीष सूद ने अपने एक बयान में बताया था कि उन्होंने खुद कैबिनेट बैठक में निजी स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ोतरी के खिलाफ एक्ट को मंजूरी दिलाई थी। इससे पहले दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने भी इसे लेकर नाराजगी जताई थी। रेखा गुप्ता ने कहा था कि शिक्षा का बाजारीकरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दिल्ली सरकार बच्चों के हितों को सुरक्षित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।