पूरा मुनाफा ड्राइवर की जेब में
गृहमंत्री अमित शाह ने टैक्सी सर्विस के बारे में बताया कि कुछ ही महीनों में कोऑपरेटिव बेसिस पर इसकी शुरुआत होगी। ओला-ऊबर जैसी ही यह व्यवस्था होगी। लेकिन, इसमें सबसे बड़ा अंतर होगा कि इसमें मुनाफा किसी धन्नासेठों के हाथ में नहीं जाएगा, वो सीधे ड्राइवर के पास जाएगा। सहकार टैक्सी सर्विस में बाइक, कार के साथ रिक्शा भी रजिस्ट्रेशन होगा। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सहकार से समृद्धि…ये सिर्फ एक नारा नहीं है, जमीन पर उतारने के लिए साढ़े तीन साल में सहकारिता मंत्रालय ने दिन-रात एक कर दिया।
देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी
गृहमंत्री ने कहा कि आने वाले कुछ ही समय में कोऑपरेटिव इंश्योरेंस कंपनी बनने जा रही है। देश भर की सभी कोपरेटिव व्यवस्था का यह कंपनी इंश्योरेंस करेगी। कुछ ही समय में प्राइवेट सेक्टर में भी यह सबसे बड़ी कॉपरेटिव इंश्योरेंस कंपनी बन जाएगी।
त्रिभुवन नाम पर उठा सवाल तो शाह ने दिया जवाब
टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने सहकारिता विश्वविद्यालय का नामकरण त्रिभुवन पटेल के नाम पर करने पर यह कहकर सवाल उठाए कि सहकारिता पर सिर्फ एक व्यक्ति ने कार्य नहीं किया है, बल्कि डॉ. कुरियन का भी नाम लेना चाहिए थे। इस पर अमित शाह ने कहा- भारत के अंदर सहकारिता की नींव डालने वाले और अमूल की स्थापना करने वाले त्रिभुवन पटेल ही थे और डॉ. कुरियन को जॉब देने वाले भी वही थे। डॉ. कुरियन के योगदान को मानते हुए ही आज जन्मशताब्दी भी गुजरात में ही मनाई जा रही है, किसी विपक्ष शासित राज्य में उन्हें याद नहीं किया जा रहा है। शाह ने विपक्षी सांसदों की तरफ इशारा करते हुए कहा- त्रिभुवन पटेल कांग्रेस के नेता थे, यह भी आप लोगों को याद रखना चाहिए।