द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक होलोग्राम ल्यूसर्न यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज एंड आट्र्स के कंप्यूटर वैज्ञानिकों और धर्मशास्त्रियों ने मिलकर तैयार किया है। यह 100 भाषाओं में बातचीत करने में सक्षम है। होलोग्राम लोगों की स्वीकारोक्ति सुनने के बाद ‘भाई, शांति आपके साथ हो’ कहकर बधाई देता है। यह आध्यात्मिक मार्गदर्शन भी देता है। श्रद्धालु कन्फेशनल बूथ में एआइ-जीसस से बातचीत करते हैं। उन्हें स्क्रीन पर जीसस का एनिमेटेड चेहरा दिखाया जाता है।
अनोखा अनुभव चर्च में प्रवेश करने वालों को विशेष सिस्टम व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं करने और एआइ-जीसस की सेवा का इस्तेमाल अपने जोखिम पर करने की चेतावनी देता है। कई श्रद्धालुओं ने इस सेवा को अनोखा आध्यात्मिक अनुभव बताया। एक श्रद्धालु ने कहा, हालांकि यह मशीन है, लेकिन इसने कई तरह की सलाह दीं।
बहस भी छिड़ गई ल्यूसर्न के चर्च के प्रयोग को लेकर बहस भी छिड़ गई है। कुछ लोगों ने पादरियों की जगह कन्फेशनल बूथ में मशीन लगाने पर चिंता जताई। ल्यूसर्न विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पीटर किर्चश्लागर ने तर्क दिया कि इंसान जिस तरह के नैतिक दिशा-निर्देश देते हैं, मशीन नहीं दे सकती। स्वीकारोक्ति पादरियों को ही सुननी चाहिए।