बढ़ती जनसंख्या और मोबाइल के जरिए आरक्षित टिकटों की सरलता से प्राप्ति से ट्रेनों और स्टेशनों पर बोझ बढ़ा है। ऐसे में प्रश्न है कि अमृत भारत स्टेशन योजना कितनी कारगर साबित होगी? साथ ही रेलवे स्टेशनों और जंक्शनों का विस्तार भी जरूरी है ताकि भीड़ बढ़ने से भगदड़ जैसी जोखिम पैदा नहीं हो। स्टेशनों पर उफनती भीड़ को लेकर द्रमुक सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने लोकसभा में प्रश्न किया था। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव उनको दिए जवाब में अब तक के उपायों और भावी योजनाओं की जानकारी दी जिनमें प्रमुख थी कि भारतीय रेल 17,000 से अधिक सामान्य श्रेणी व शयनयान श्रेणी (गैर-वातानुकूलित) सवारी डिब्बों का निर्माण करेगा। एकबारगी इन डिब्बों के भारतीय रेल व्यवस्था में शामिल हो जाने से स्थिति अवश्य बेहतर होगी। साल भर नहीं रहती भीड़मंत्री के जवाब से एक बात पर सहमति बनती है कि रेलगाड़ियों का उपयोग पूरे वर्ष एकसमान नहीं रहता है। यह कम व्यस्त और व्यस्त अवधियों के दौरान बदलता रहता है। रेलवे रेलगाड़ियों के यातायात स्वरूप की नियमित निगरानी करता है और अतिरिक्त मांग को पूरा करने के लिए, परिचालनिक व्यवहार्यता के आधार पर मौजूदा रेलगाड़ियों में अतिरिक्त डिब्बे जोड़ता है, स्पेशल सेवाएं चलाता हैं, नई रेलगाड़ियां शुरू करता है और मौजूदा रेलगाड़ियों के फेरे बढ़ाता है।
दुर्गा पूजा से छठ तक स्पेशल फेरे
वर्ष 2024 के दौरान, होली और ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्पेशल रेलगाड़ियों के 13523 फेरे चलाए गए। दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ के दौरान लगभग 1.8 करोड़ यात्रियों की आवश्यकता के अनुरूप 1 अक्टूबर 2024 से 30 नवंबर 2024 की अवधि के दौरान स्पेशल रेलगाड़ियों के 7990 फेरे परिचालित किए गए।
महाकुंभ में दौड़ती रहीं ट्रेनें
हाल ही में संपन्न महाकुंभ के दौरान यात्रियों की सुविधा के उद्देश्य से, भारतीय रेल ने 13 जनवरी 2025 से 28 फरवरी 2025 की अवधि के दौरान 17300 से अधिक रेलगाड़ियों का परिचालन किया तथा लगभग 4.24 करोड़ यात्रियों को सेवित किया। अनारक्षित सवारी डिब्बों में स्थान बढाने और उनमें यात्रा करने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए, चालू वित्त वर्ष के दौरान एलएचबी सवारी डिब्बों के साथ चलने वाली मेल/एक्सप्रेस गाड़ियों में लगभग 1200 सामान्य श्रेणी के सवारी डिब्बे जोड़े गए हैं। बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए, भारतीय रेल ने 17,000 से अधिक सामान्य श्रेणी/शयनयान श्रेणी (गैर-वातानुकूलित) सवारी डिब्बों के विनिर्माण की योजना बनाई है। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान (फरवरी 2025 तक), रेल डिब्बा कारखानों ने 6485 सवारी डिब्बे विनिर्मित किए हैं।