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Opinion : खेल पर्यटन के शैक्षिक पाठ्यक्रमों की कमी चिंता का विषय

खेल पर्यटन एक बढ़ता हुआ उद्योग है, जो खेल और यात्रा  को जोड़ता है। यह न केवल खिलाडिय़ों और दर्शकों को आकर्षित करता है, बल्कि यह मेजबान देशों के लिए महत्त्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक लाभ भी लाता है। भारत में खेल पर्यटन का एक समृद्ध इतिहास है और देश में कई प्रमुख खेल आयोजन होते हैं जो दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

जयपुरFeb 13, 2025 / 07:51 pm

Neeru Yadav

डॉ. अनुकृति शर्मा, पर्यटन पर कई पुस्तकों की लेखिका

खेल पर्यटन एक बढ़ता हुआ उद्योग है, जो खेल और यात्रा को जोड़ता है। यह न केवल खिलाडिय़ों और दर्शकों को आकर्षित करता है, बल्कि यह मेजबान देशों के लिए महत्त्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक लाभ भी लाता है। भारत में खेल पर्यटन का एक समृद्ध इतिहास है और देश में कई प्रमुख खेल आयोजन होते हैं जो दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। भारत में खेल पर्यटन का इतिहास प्राचीन काल से चला आ रहा है। प्राचीन भारत में कुश्ती, तीरंदाजी और घुड़सवारी जैसे खेल लोकप्रिय थे और इन खेलों को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते थे। मध्यकाल में, पोलो और क्रिकेट जैसे खेल भारत में लोकप्रिय हुए और इन खेलों ने भी पर्यटकों को आकर्षित किया। आधुनिक काल में भारत ने कई प्रमुख खेल आयोजनों की मेजबानी की है, जिनमें 1951 एशियाई खेल, 1982 एशियाई खेल और 2010 राष्ट्रमंडल खेल शामिल हैं। इन आयोजनों ने भारत को एक खेल पर्यटन स्थल के रूप में दुनिया भर में पहचान दिलाई है। भारत में खेल पर्यटन कई प्रकार का होता है। कुछ पर्यटक खेल आयोजनों को देखने के लिए भारत आते हैं, जबकि अन्य साहसिक खेलों में भाग लेने के लिए आते हैं। भारत में कुछ लोकप्रिय खेल पर्यटन गतिविधियों में शामिल हैं-क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस देखना, गोल्फ खेलना, साहसिक खेल (जैसे कि पर्वतारोहण, राफ्टिंग और स्कीइंग), योग और ध्यान इत्यादि। खेल पर्यटन भारत के लिए कई तरह से महत्त्वपूर्ण है। यह देश के लिए राजस्व उत्पन्न करता है, रोजगार पैदा करता है और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देता है। खेल पर्यटन भारत की संस्कृति और विरासत को दुनिया भर में बढ़ावा देने में मदद करता है। इसके अलावा, खेल आयोजन भारत को दुनिया भर में एक सकारात्मक छवि पेश करने में मदद करते हैं। फ्यूचर मार्केट इनसाइट्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का खेल पर्यटन बाजार, जिसका मूल्य वर्तमान में 10,870.41 मिलियन अमेरिकी डॉलर है, 17.1 प्रतिशत की आश्चर्यजनक सीएजीआर से बढऩे की उम्मीद है और 2033 तक 52,967 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। मार्केट एनालिस्ट फ्यूचर मार्केट इनसाइट्स (एफएमआई) के अनुसार 2022 में भारतीय खेल पर्यटन बाजार में कुल खर्च 9,469 मिलियन डॉलर था, जो 2032 में 14.8 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़कर 37,646.3 मिलियन डॉलर होने की उम्मीद है। भारत में खेल बाजार में वृद्धि के कई कारण हैं, जिनमें शामिल हैं- बढ़ती हुई आबादी, बढ़ती हुई आय, खेल में बढ़ती हुई रुचि तथा सरकार का समर्थन। भारत में खेल बाजार में क्रिकेट सबसे लोकप्रिय खेल है। इसके बाद फुटबॉल, बैडमिंटन और टेनिस जैसे खेल आते हैं। भारत में खेल बाजार से कई बड़ी कंपनियां भी जुड़ी हुई हैं। भारत में खेल पर्यटन की अपार संभावनाओं के बावजूद, इस क्षेत्र में समर्पित शैक्षिक पाठ्यक्रमों की अपेक्षाकृत कमी एक चिंता का विषय है। जबकि पर्यटन और खेल प्रबंधन में सामान्य डिग्री उपलब्ध हैं, विशेष रूप से खेल पर्यटन पर केंद्रित पाठ्यक्रम नहीं है। खेल पर्यटन की अवधारणा और इसके आर्थिक व सामाजिक महत्त्व के बारे में अभी भी जागरूकता कम है। कई शैक्षणिक संस्थान और नीति निर्माता इसे एक विशिष्ट क्षेत्र के रूप में नहीं पहचानते, जिसके कारण समर्पित पाठ्यक्रमों का विकास प्राथमिकता नहीं बन पाता। खेल पर्यटन एक बहुआयामी क्षेत्र है, जिसमें खेल, पर्यटन, इवेंट मैनेजमेंट, मार्केटिंग और हॉस्पिटैलिटी जैसे विभिन्न पहलुओं का ज्ञान आवश्यक है। ऐसे विशेषज्ञों की कमी है जो इन क्षेत्रों में एक साथ दक्षता रखते हों और खेल पर्यटन के लिए विशेष पाठ्यक्रम डिजाइन कर सकें। कई बार, उद्योग जगत भी ऐसे विशिष्ट पाठ्यक्रमों की आवश्यकता को लेकर उदासीन रहता है। उन्हें लगता है कि सामान्य पर्यटन या इवेंट मैनेजमेंट की डिग्री वाले पेशेवर ही खेल पर्यटन में काम कर सकते हैं। इस सोच के चलते शैक्षणिक संस्थानों को खेल पर्यटन में विशेष पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए प्रोत्साहन नहीं मिलता। विद्यार्थियों के मन में खेल पर्यटन में रोजगार की संभावनाओं को लेकर भी संशय रहता है। विशेष पाठ्यक्रमों की कमी के साथ-साथ, इस क्षेत्र में नौकरियों की सीमित संख्या और कम वेतन की धारणा भी विद्यार्थियों को इस ओर आकर्षित करने से रोकती है। भारत में कई विश्वविद्यालयों में अभी भी आधुनिक और प्रासंगिक पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए पर्याप्त ढांचा और संसाधन नहीं हैं। खेल पर्यटन जैसे नए क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए फैकल्टी डवलपमेंट, रिसर्च और इंडस्ट्री लिंक की आवश्यकता होती है, जिसमें समय और निवेश लगता है। विशेषज्ञता की कमी के कारण, खेल पर्यटन उद्योग में कुशल पेशेवरों की कमी बनी रहती है। इससे सेवाओं की गुणवत्ता प्रभावित होती है। कुशल मानव संसाधन की कमी खेल पर्यटन के विकास को बाधित करती है। नए और इनोवेटिव पर्यटन उत्पादों और सेवाओं का विकास धीमा हो जाता है, जिससे इस क्षेत्र की क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पाता। खेल पर्यटन में विकास की कमी से देश को राजस्व का नुकसान होता है। यह न केवल आर्थिक रूप से हानिकारक है, बल्कि इससे रोजगार के अवसरों का भी नुकसान होता है। कई देश खेल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष पाठ्यक्रम चला रहे हैं। भारत में इस क्षेत्र में पिछडऩे से हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा में कमजोर पड़ सकते हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं। खेल पर्यटन के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है। सरकार, शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग जगत को मिलकर इस क्षेत्र के लाभों के बारे में प्रचार करना चाहिए। खेल पर्यटन में विशेषज्ञता विकसित करने के लिए फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम शुरू करने चाहिए। विशेषज्ञों को आमंत्रित करके कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित किए जा सकते हैं। शैक्षणिक संस्थानों को उद्योग जगत के साथ साझेदारी करनी चाहिए ताकि विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल अनुभव मिल सके और उन्हें रोजगार के अवसर मिल सकें। विश्वविद्यालयों को खेल पर्यटन में विशेष पाठ्यक्रम विकसित करने चाहिए, जिनमें खेल, पर्यटन, इवेंट मैनेजमेंट, मार्केटिंग और हॉस्पिटैलिटी जैसे विषयों को शामिल किया जाए। सरकार और उद्योग जगत को मिलकर खेल पर्यटन में रोजगार के अवसर पैदा करने चाहिए। इससे विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। भारत में खेल पर्यटन पाठ्यक्रमों की कमी एक गंभीर समस्या है, जिसका समाधान आवश्यक है। सरकार, शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग जगत को मिलकर काम करना चाहिए ताकि इस क्षेत्र में कुशल पेशेवरों का विकास हो सके और भारत खेल पर्यटन के क्षेत्र में एक अग्रणी देश बन सके। खेल पर्यटन में समर्पित शैक्षिक कार्यक्रमों का विकास न केवल रोजगार के अवसर पैदा करेगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा। भारत में खेल बाजार में वृद्धि से देश में खेल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

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