राउमावि दादावाडी परीक्षा केन्द्र पर पाली जिले के किरवा की एक युवती निर्धारित समय के बाद परीक्षा केन्द्र पहुंची, तब तक गेट बंद कर दिया था। उसने वहां मौजूद पुलिस कर्मियों एवं सेंटर प्रभारी से प्रवेश देने का आग्रह किया। मगर नियमों का हवाला देते हुए उन्होंने प्रवेश नहीं दिया। इस दौरान वह गेट के पास ही लगी कुर्सी पर बैठकर काफी देर तक रोई, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद उसने वहां हंगामा करना शुरू कर दिया। सूचना पर पहुंचे पुलिस निरीक्षक बाबूलाल राणा ने उसे समझाया, लेकिन वह नहीं मानी और प्रवेश नहीं मिलने पर आत्महत्या तक की चेतावनी दे दी। इस पर पुलिस निरीक्षक ने उसकी संतुष्टि के लिए उच्चाधिकारियों से भी बात की, लेकिन वह परीक्षा केन्द्र में प्रवेश के लिए अडी रही। काफी देर तक वह गेट के बाहर हंगामा करती रही। इस दौरान उसने परीक्षा केन्द्र पर मौजूद स्टाफ एवं पुलिस कर्मियों को देख लेने की धमकी भी दी। काफी देर तक हंगामा मचाने के बाद परेशान होकर महिला पुलिस कर्मियों ने उसे शांतिभंग का हवाला देते हुए वहां से रवाना किया।
सड़क दुर्घटना में नील गाय घायल, पहुंचाया पीएफए सेंटर
पोसालिया. समीपवर्ती वाण गांव के पास बुधवार अल सुबह सड़क दुर्घटना में नील गाय गंभीर रूप से घायल हो गई। सूचना पर ओम श्री गजानंद सेवा समिति अध्यक्ष मंगल कुमार मीणा व अन्य गौ भक्त मौके पर पहुंचे। वन विभाग को भी इसकी जानकारी दी। सरकारी पशु एंबुलेंस के अभाव में गौभक्तों ने निजी वाहन से गंभीर घायल नीलगाय को सिरोही के पीएफए सेंटर पहुंचाया, जहां उसका उपचार शुरू किया। ओम श्री गलानंद सेवा समिति अध्यक्ष मीणा ने बताया कि कई वर्षों से क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त गौवंश तथा वन्य जीवों को निजी वाहन से ही इलाज के लिए ले जाना पड़ रहा है। इस समस्या के लिए एक सरकारी एंबुलेंस की मांग भी कई बार कर चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। सरकार की ओर से संचालित मोबाइल वेटरनरी वाहन दुर्घटनाग्रस्त नीलगाय तथा गौवंश को आगे उपचार के लिए ले जाने में कहीं भी उपयोग में नहीं आ रहा। सरकार ने जिले में 8 से 9 वेटरनरी वाहन शुरू किए हैं। इनकी जगह यदि दो पशु एंबुलेंस उपलब्ध करवाए होते तो दुर्घटनाग्रस्त गौवंश तथा वन्य जीवों को राहत मिल सकती थी।