ज्यादातर किसकी रूचि
जानकारों की माने तो ओपन बोर्ड की परीक्षा में अधिकांश वे परीक्षार्थी होते हैं जिनकी सीबीएसई व माशिबो अजमेर की परीक्षा में पार नहीं पड़ी। इसके अलावा ऐसे लोग भी होते हैं जिनको किसी कारणवश दसवीं व बारहवीं पास होने का प्रमाण पत्र चाहिए। इनमें जन प्रतिनिधियों की संख्या भी खासी रहती है। इनमें से भी कई बिना पेपर दिए परीक्षा पास करने की इच्छा रखने वाले होते हैं। ऐसे में डमी परीक्षार्थी वाला खेल शुरू होता है जो बहुत पुराना है, पकड़ में इस बार आया है।
अभी यह आए पकड़ में
नोहर पुलिस ने दो मई को नोहर में बड़बिराना रोड स्थित एमडी पब्लिक सीनियर सेकंडरी स्कूल, सरदारपुरा बास नोहर में डमी अभ्यर्थी बैठाकर पेपर देते स्कूल सचांलक सहित नौ जनों को गिरफ्तार किया। एक नाबालिग को निरुद्ध किया। आरोपी इसके एवज में असली अभ्यर्थी से 50 हजार रुपए ले रहे थे। इसके बाद आठ मई को भिरानी पुलिस ने राउमावि डाबड़ी, भादरा में बारहवीं की परीक्षा देते प्राचार्य जयवीर सिंह, अध्यापिका पिंकी रानी तथा छात्र अध्यापक राजेश नायक को डमी परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा देने के आरोप में गिरफ्तार किया।
प्राचार्य दो दिन के रिमांड पर
भिरानी पुलिस ने डमी परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा दिलाने के मामले में तीनों आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया। डाबड़ी राउमावि के प्राचार्य जयवीर सिंह निवासी गांव आसन का दो दिन का रिमांड मंजूर कराया। जबकि अध्यापिका पिंकी रानी पत्नी प्रदीप धानक निवासी रामपुर मोहल्ला, हिसार तथा इंटर्नशिप कर रहा छात्र अध्यापक राजेश पुत्र काशीराम नायक निवासी रतनपुरा को जेल भिजवा दिया गया। गौरतलब है कि पिंकी रानी मूल परीक्षार्थी साहिल व रमनदीप कौर के स्थान पर परीक्षा दे रही थी। मूल परीक्षार्थी कुलदीप पुत्र शिवदयाल सैनी के स्थान पर राजेश पुत्र काशीराम नायक निवासी रतनपुरा परीक्षा दे रहा था। तीनों के खिलाफ पुलिस के अलावा शिक्षा विभाग भी जांच कर रहा है।