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तेंदुआ को पकडऩे के लिए विभाग जाल बिछाने में जुटा है। यह उम्मीद की जा रही है कि वह जिस तरह से प्लांट के भीतर घुस आया है, वैसे ही अपने से खुद चला भी जाएगा। भिलाई स्टील प्लांट के रेल मिल के पास तेंदुआ नजर आया है। इसके बाद से कर्मियों में दहशत है। कर्मचारी जहां भी काम कर रहे हैं, साथी कर्मियों के साथ तेंदुआ को लेकर चर्चा जरूर कर रहे हैं। इसके पहले बार एण्ड रॉड मिल (बीआरएम) शिपिंग साइड में रात के वक्त लेपर्ड नजर आया था।
वन विभाग के अधिकारी भी पहुंचे संयंत्र
वन विभाग के अधिकारी भी प्लांट में पहुंचे हैं। उस स्थान तक पहुंचे, जिस स्थान पर तेंदुआ के बैठे हुए फोटो वायरल हो रही है। प्लांट करीब 8,993 एकड़ क्षेत्र में फैला है। इसमें बड़े क्षेत्र में घनी झाडिय़ां हैं। टीम अब तेंदुआ को पकड़ने के लिए योजना बना रही है।
रहा है, इसके भीतर मुर्गी रखा जाएगा, जिसको देखकर वह इसके भीतर पहुंचे और पिंजरे में कैद हो जाए। मैत्रीबाग और वन विभाग की टीम देर शाम तक इसको लेकर मशक्कत करती रही है।
पिंजरा में फंसाने बिछा रहे जाल
तेंदुआ को पिंजरे में फंसाने के लिए वन विभाग और मैत्रीबाग प्रबंधन मिलकर प्रयास शुरू कर चुका है। प्लांट के भीतर पिंजरा रखा जा रहा है, इसके भीतर मुर्गी रखा जाएगा, मैत्रीबाग और वन विभाग की टीम देर शाम तक इसको लेकर मशक्कत करती रही है।
ट्रैप कैमरे का ले रहे सहारा
भिलाई स्टील प्लांट के भीतर ट्रैप कैमरा लगाया जा रहा है। जिससे तेंदुआ को ट्रैप किया जा सके। ट्रैप कैमरा जंगली जानवरों की तस्वीरें लेने के लिए उपयोग किया जाता है। यह कैमरा जानवरों की गतिविधियों को रिकॉर्ड करने और उनके व्यवहार का अध्ययन करने में मदद करता है। ट्रैप कैमरा जानवरों की तस्वीरें लेने के लिए उपयोग किया जाता है, जिससे उनकी गतिविधियों और जीवन चक्र,आहार अन्य व्यवहारों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। ट्रैप कैमरे के प्रकार
-इंफ्रारेड ट्रैप कैमरा: यह कैमरा जानवरों की गतिविधियों को रिकॉर्ड करने के लिए इंफ्रारेड सेंसर का उपयोग करता है।
- मोशन सेंसर ट्रैप कैमरा: यह कैमरा जानवरों की गतिविधियों को रिकॉर्ड करने के लिए मोशन सेंसर का उपयोग करता है।
- वायरलेस ट्रैप कैमरा: यह कैमरा जानवरों की गतिविधियों को रिकॉर्ड करने के लिए वायरलेस तकनीक का उपयोग करता है।
दुर्ग डीएफओ चंद्रशेखर ने कहा तेंदुआ के प्लांट में आने की पुष्टी हो गई है। देर शाम तक हमारी टीम मौके पर मौजूद है। अब उसको पकड़ने के लिए वन विभाग और प्रबंधन मिलकर पिंजरा लगा रहे हैं। इसके अलावा ट्रैप कैमरा लगाया जा रहा है। इससे उसके मूवमेंट की जानकारी मिल जाएगी।
मैत्रीबाग प्रभारी डॉ. एनके जैन ने कहा मैत्रीबाग और वन विभाग और सीआईएसएफ की टीम निगरानी में लगी हुई है। प्लांट के भीतर पिंजरा रखा जा रहा है। कैमरे में अगर नजर आएगा तो रेस्क्यू किया जाएगा।