बड़वानी जिले के सोहनलाल गोले ने कोमा में गए बेटे के इलाज के लिए याचिका लगाई। 4 साल पहले डॉ. हरीश गोले (45) सड़क हादसे का शिकार हुए। वे 90 फीसदी कोमा में थे। मेडिकल रिपोर्ट व डॉक्टर के बयान पर ट्रिब्यूनल ने माना कि वे 100 फीसदी कोमा में हैं।
क्लिनिक जाते समय हुआ हादसा
होम्योपैथी डॉ. हरीश के साथ 2 मार्च 2021 को हादसा हुआ। वे बाइक से क्लीनिक जा रहे थे। तभी बाइक सवार दिनेश तरोले ने उनकी गाड़ी को टक्कर मारी। डॉ. हरीश के सिर व रीढ़ में गंभीर चोट आई। दो बड़ी सर्जरी के बाद भी वे होश में नहीं आ सके। 2022 में परिवार ने गाड़ी मालिक व न्यू इंडिया इंश्योरेंस के खिलाफ क्लेम (Insurance Claim) याचिका दायर की थी।
कोर्ट रूम में डॉ. हरीश की प्रत्यक्ष जांच
याचिका पर ट्रिब्यूनल में दो साल तक सुनवाई चली। डॉ. हरीश को कोमा में 3 बार स्ट्रेचर पर कोर्ट लाया गया। ट्रिब्यूनल ने प्रत्यक्ष जांच कर स्थिति देखी। 4 साल में सुधार नहीं हुआ, इसलिए परिवार ने नि:शक्तता प्रमाण-पत्र पेश किया। कोर्ट ने मेडिकल जांच के आधार पर हरीश की मानसिक स्थिति को स्थायी विकलांगता माना।