विदेशी ऑटोमोबाइल कंपनियों को निवेश के लिहाज से भारत माकूल लगा और उन्होंने करोड़ों डॉलर का निवेश किया लेकिन सिर्फ विदेशी ही नहीं, भारत की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स तथा महिन्द्रा एंड महिन्द्रा भी तेजी से आगे बढऩे लगी। इसका नतीजा हुआ कि वर्ष 2024 तक भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल उत्पादक देश बन गया। 22 लाख करोड़ की इस इंडस्ट्री ने 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार दे रखा है। यहां बने दोपहिया वाहनों का 50 फीसदी निर्यात हो जाता है। यह इंडस्ट्री देश को बड़े पैमाने पर जीएसटी भी देती है। लग्जरी कारों में 28 फीसदी जीएसटी लगता है, जिससे सरकार की खूब कमाई होती है।
भारत में जिस तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हुआ है वह उल्लेखनीय है। पूरे देश में सड़कों का जाल तैयार हो गया है। 2023-24 में देश में हर दिन 33 किलोमीटर से अधिक नेशनल हाइवे का निर्माण हुआ। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक 2023-24 में कुल 12,349 किलोमीटर नेशनल हाइवे बने हैं। सड़क परिवहन मंत्रालय की महत्त्वाकांक्षी योजना है कि वह हर दिन 100 किलोमीटर हाइवे बनाए। इससे भारत अमरीका को टक्कर देने की स्थिति में पहुंच जाएगा। देश में सड़कें तेजी से बन रही हैं और इस कारण से वाहनों की बिक्री भी बढ़ रही है। अब कहीं भी सड़क मार्ग से जाना आसान होता जा रहा है। देश की राजधानी दिल्ली से यहां की वित्तीय राजधानी मुंबई तक पहले कारों से लोग नहीं जाया करते थे। उसमें 24 घंटे तक की थका देने वाली यात्रा करनी होती थी, लेकिन अब यह 1350 किलोमीटर की दूरी महज 12 घंटे में की जा सकती है। इस तरह की कई सड़कें बन गई हैं, जिनसे अपने गंतव्य पर पहुंचने में अब आधा समय लगता है और कम ईंधन लगता है। इससे सड़क परिवहन को बढ़ावा मिला है और वाहनों की बिक्री भी बढ़ी है।
स्वाभाविक है कि जैसे-जैसे नई सड़कें बनती जाएंगी, कनेक्टिविटी बढ़ेगी वैसे-वैसे वाहनों की संख्या भी बढ़ेगी। दूसरी बात यह है कि इस समय देश में इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन भी बढ़ रहा है। विदेशी कंपनियों के अलावा दुपहिया बनाने वाली कई भारतीय कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहन बनाने लगी हैं। वहीं, सड़कों पर इलेक्ट्रिक कारें भी दिखने लगी हैं। इन्हें चलाने का खर्च बहुत कम है और इस कारण से उम्मीद की जा रही है कि बड़ी तादाद में इनकी बिक्री बढ़ेगी। इनमें भी तकनीकी संवर्धन होता जा रहा है और एक चार्ज में 500 किलोमीटर तक चलने वाली कारें अब आ गई हैं, जिससे ग्राहकों में इनके प्रति विश्वास बढ़ा है।
भारत में बनी कारें चीनी कार बावायडी या फिर एलन मस्क की टेस्ला से काफी सस्ती हैं। इस वजह से इनकी बिक्री भी खूब बढ़ रही है। सबसे बड़ी बात है कि इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहनों की बिक्री में तो उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 20२4 में इलेक्ट्रिक बाइकों की बिक्री में वर्ष 2023 के मुकाबले 33 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। लोग अब वाहनों पर काफी खर्च कर रहे हैं। खेती में विकास होने से दुपहिया वाहनों की भी बिक्री बढ़ी है। गांवों के शहरों से जुड़ते जाने के कारण इसमें काफी बढ़ोतरी भी हुई है। फसलें जब अच्छी होती हैं तो वाहनों की बिक्री भी बढ़ जाती है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मजबूत हो जाने से वाहनों की खरीद भी बढ़ी है।