scriptसंपादकीय : सख्ती से ही लगेगी अवैध ऑनलाइन गेमिंग पर लगाम | Editorial: Illegal online gaming will be curbed strictly | Patrika News
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संपादकीय : सख्ती से ही लगेगी अवैध ऑनलाइन गेमिंग पर लगाम

ऑनलाइन गेमिंग की लत हर कहीं कहर बरपाती नजर आती है। हमारे देश में भी ऑनलाइन गेमिंग और इसकी आड़ में खेले जाने वाले जुआ ने लाखों परिवारों को तबाह कर दिया है। किसी के घर के इकलौते चिराग ने मौत को गले लगा लिया तो कहीं परिवार के मुखिया ने ऐसा घातक कदम उठाकर […]

जयपुरMar 07, 2025 / 11:01 pm

arun Kumar

ऑनलाइन गेमिंग की लत हर कहीं कहर बरपाती नजर आती है। हमारे देश में भी ऑनलाइन गेमिंग और इसकी आड़ में खेले जाने वाले जुआ ने लाखों परिवारों को तबाह कर दिया है। किसी के घर के इकलौते चिराग ने मौत को गले लगा लिया तो कहीं परिवार के मुखिया ने ऐसा घातक कदम उठाकर परिवार को बिलखता छोड़ दिया। परिवार के परिवार कर्ज के जाल मेंं बुरी तरह से फंस गए। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें कर्ज लेकर ऑनलाइन गेम खेलने वालों ने कर्ज की रकम चुकाने के लिए अपनी किडनी तक बेच डाली। चिंता की बात यह है कि केंद्र व राज्य सरकारों के तमाम प्रयासों के बावजूद देशभर में अवैध तौर से चल रहे ऑनलाइन गेमिंग सेंटर खासतौर से बच्चों और युवा पीढ़ी को ऑनलाइन गेमिंग के बहाने जुए की लत लगा रहे हैं। ऐसा इसलिए भी है कि ऐसे अवैध प्लेटफार्मों पर सख्ती को लेकर अभी कोई कठोर कानून नहीं बन पाया है। हाल ही में डिजिटल इंडिया फाउंडेशन ने अवैध ऑनलाइन गेमिंग पर लगाम लगाने के लिए गूगल और मेटा जैसे दिग्गज सोशल मीडिया प्लेटफार्म के साथ मिलकर रणनीति बनाने का सुझाव दिया है। लेकिन एक तथ्य यह भी है कि गूगल और मेटा जैसी कई कंपनियां विज्ञापन और सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (एसइओ) के जरिए भारत से करोड़ों डॉलर कमा रही हैं। इन कंपनियों की कमाई का कम-से-कम एक तिहाई हिस्सा इन वेबसाइट के जरिए आ रहा है।
ड़ी चिंता तो यह भी है कि न केवल हमारे यहां बल्कि दुनियाभर में सेलिब्रिटीज इस तरह की गेमिंग का गलत तरीके से प्रचार भी करने में जुटी हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि क्या ये कंपनियां भारत में अवैध सट्टेबाजी, गेमिंग और जुआ फर्मों के खिलाफ कोई निर्णायक कार्रवाई कर सकेंगी। उच्चतम न्यायालय ने भी कई मामलों में ऑनलाइन गेमिंग को लेकर व्यक्तिगत स्वतंत्रता का ध्यान रखते हुए डिजिटल नीति या कानून बनाने की बात कही है। इसलिए केंद्र सरकार अवैध गेमिंग को लेकर कानून बनाने में जुटी है। हैरत की बात यह है कि धन के लालच में खेल व सिने जगत की हस्तियां तक ऑनलाइन गेमिंग के प्रमोशन में जुटी हैं। इन पर भरोसा कर लोग इस मकडज़ाल में फंसते ही जले जाते हैं। भले ही सरकार समय-समय पर अवैध गेमिंग सेंटर्स पर कार्रवाई करती है लेकिन थोड़ी सी ढील मिलने पर ये दूसरे ऑपरेटर के जरिए अपना काम शुरू कर देते हैं। ऑनलाइन जुए को गेमिंग के रूप में प्रचारित करने से धनशोधन और अवैध भुगतान तेजी से बढ़ा है। ऐसे में सख्त डिजिटल नीति बनाना बेहद जरूरी हो गया है।

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