ऑनलाइन गेमिंग की वजह से युवाओं के स्वास्थ्य पर शारीरिक मानसिक रूप से असर पड़ रहा है लगातार गेमिंग की लत युवाओं में तनाव और चिंता की समस्या बढ़ा रही है हिंसात्मक गेम युवाओं के स्वभाव को आक्रामक कर रहे हैं। उनमें तनाव और चिड़चिड़ापन बढ़ रहा है। लंबे समय तक स्क्रीन पर नजर रखने की वजह से आंखों में जलन सूखापन और दृष्टि कमजोर होती जा रही है। घंटो एक ही स्थिति में बैठने की वजह से रीड की हड्डी, गर्दन और कंधों में दर्द की समस्या बढ़ रही है। फिजिकल एक्टिविटी ना होने की वजह से मोटापा और कई बीमारियां फैल रही है। बच्चों के अंदर आत्मविश्वास की कमी होने लगी है। – मीना सनाढ्य, उदयपुर
ऑनलाइन गेमिंग, अगर संतुलित और सही तरीके से किया जाए, तो मानसिक और संज्ञानात्मक लाभ प्रदान कर सकता है लेकिन इसके अत्यधिक इस्तेमाल से डिप्रेशन, चिंता, व्यसन, मोटापा और शारीरिक पीड़ा जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह युवाओं के सामाजिक और शैक्षणिक जीवन को भी प्रभावित करता है। गेमिंग समुदायों में टॉक्सिक व्यवहार, घृणास्पद भाषा, हेट स्पीच, और साइबर बुलिंग जैसी घटनाएं भी सामने आती हैं, जो खासकर अन्य लैंगिक या अल्पसंख्यक समूहों के लिए मानसिक तनाव का कारण बनते हैं। – डॉ. मुकेश भटनागर, भिलाई