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आपकी बात… बढ़ते धोखाधड़ी के मामले में बैंकों की जिम्मेदारी कैसे तय की जा सकती है?

पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

जयपुरDec 15, 2024 / 03:26 pm

Hemant Pandey

ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचने के तरीकों के बारे में शिक्षित करना चाहिए। कर्मचारियों और एजेंटों की गतिविधियों की निगरानी कर, उनके अनुपालन की जांच होनी चाहिए।

ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचने के तरीकों के बारे में शिक्षित करना चाहिए। कर्मचारियों और एजेंटों की गतिविधियों की निगरानी कर, उनके अनुपालन की जांच होनी चाहिए।

कर्मचारियों और एजेंटों की गतिविधियों की निगरानी


ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचने के तरीकों के बारे में शिक्षित करना चाहिए। कर्मचारियों और एजेंटों की गतिविधियों की निगरानी कर, उनके अनुपालन की जांच होनी चाहिए। धोखाधड़ी की घटनाओं की रिपोर्टिंग के लिए एक स्पष्ट और प्रभावी प्रणाली बनाई जानी चाहिए। साथ ही, धोखाधड़ी के शिकार ग्राहकों को उचित मुआवजा और पुनर्भुगतान प्रदान करना चाहिए। दोषियों पर न्यायिक कार्रवाई और कठोर दंड सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
– संजय निघोजकर, धार (म.प्र.)
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सख्ती बरती जाए


बैंकों में धोखाधड़ी की घटनाओं से बचने के लिए ग्राहकों और बैंक कर्मचारियों को सतर्कता बरतनी चाहिए। एटीएम भुगतान में फोटो और बायोमेट्रिक अनिवार्य करने का प्रावधान लाना चाहिए। ग्राहकों को अपने पासवर्ड और सीवीवी किसी के साथ साझा नहीं करने चाहिए। बैंक कर्मचारी की संलिप्तता पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। धोखाधड़ी की स्थिति में बैंक को तुरंत सूचित किया जाए और ग्राहक को शीघ्र राहत प्रदान की जाए।
– कैलाश चंद्र मोदी, सादुलपुर (चूरु)
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ग्राहक सुरक्षा नीतियाँ अपनाई जाएं

बैंकों को ग्राहकों की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई के लिए जवाबदेह बनाया जाए। यदि ग्राहक की गलती नहीं है, तो बैंक को नुकसान का मुआवजा देना अनिवार्य होना चाहिए। बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बैंकों की प्राथमिकता होनी चाहिए।
– डॉ. अजिता शर्मा, उदयपुर
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बैंक की ज्यादा जिम्मेदारी तय हो

भुगतान के पूर्व ग्राहकों को एसएमएस, ईमेल, या फोन के माध्यम से सूचित करने की प्रक्रिया लागू होनी चाहिए। यह बैंक की नैतिक जिम्मेदारी है कि ग्राहक को धोखाधड़ी से सतर्क करें। बैंक एक संस्था है, इसलिए उनकी जिम्मेदारी बड़ी होनी चाहिए।
– ललित महालकरी, इंदौर
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डिजिटल साक्षरता आवश्यक

डिजिटल लेनदेन से जुड़ी जानकारी की कमी के कारण धोखाधड़ी बढ़ रही है। बैंकों को साक्षरता अभियान चलाकर ग्राहकों को डिजिटल लेनदेन की प्रक्रियाओं के प्रति जागरूक करना चाहिए।
– रोहित यादव, श्रीमाधोपुर
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बैंक केवल मशीन नहीं, जिम्मेदारी भी

बैंक को मुनाफे के साथ ग्राहकों का विश्वास बनाए रखना चाहिए। सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए।
– राजूराम प्रजापत, नागौर

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वित्तीय लेनदेन में डबल वेरिफिकेशन का प्रावधान हो

बैंकों को समय-समय पर एडवाइजरी जारी करनी चाहिए। वित्तीय लेनदेन में डबल वेरिफिकेशन का प्रावधान हो।
– विनायक गोयल, रतलाम (म.प्र.)
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व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रखनी चाहिए

बैंकों को ग्राहकों की व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रखनी चाहिए। संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी और जोखिम आकलन नियमित रूप से किया जाए।
– आकांक्षा पंकज, बारां

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धोखाधड़ी रोकने के उपाय

राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर साइबर प्रहरी बनाकर जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए। कठोर कानून और आजीवन कारावास जैसी सजा का प्रावधान हो।
– आलोक वालिम्बे, बिलासपुर
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सतर्कता और नियंत्रण जरुरी

बैंकों को सतर्कता तंत्र मजबूत करना चाहिए। हर लेनदेन की गहन निगरानी हो।
– भारत सिंह खन्ना, भिंड (म.प्र.)

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ग्राहक जागरूकता और बैंक की जिम्मेदारी


बैंकों को सोशल और प्रिंट मीडिया के जरिए जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। साइबर अपराधों को रोकने के लिए ठोस रणनीति और फ्रॉड रिपोर्टिंग की व्यवस्था हो।
– लक्ष्मण कुमार मालवीय, छिंदवाड़ा (म.प्र.)
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सरकार की भूमिका भी तय हो


सरकार को सख्त नियम-कानून बनाकर बैंकों को जवाबदेह बनाना चाहिए। धोखाधड़ी में संलिप्त शाखाओं का लाइसेंस तुरंत रद्द होना चाहिए।
– गजेंद्र चौहान, कसौदा (डीग)

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